आदमी जैसा करता है वैसा फल पाता है : आचार्यश्री महाश्रमण
आमागाँव, 21 नवंबर, 2021
जन-जन का कल्याण करने को संकल्पित परम पावन आचार्यश्री महाश्रमण जी मंगरोल से लगभग 13 किमी का विहार कर आमागाँव पधारे। मंगल प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए पूज्यप्रवर ने फरमाया कि जैसी करणी-वैसी भरणी,
सुख-दु:ख स्वयं मिलेगा। आदमी-प्राणी जैसा करता है, वैसा फल पाता है। जैसा बोता है, वैसी फसल काटता है। अच्छा करने वाला अच्छा फल प्राप्त करता है और बुरा करने वाला बुरा फल प्राप्त करता है। यह एक प्रसंग से समझाया कि भले का भला, बुरे का बुरा। पाप करने वाले का नुकसान हो सकता है और भला करने वाला कुछ प्राप्त कर सकता है। हमारे जीवन में जैसी करणी, वैसी भरणी, हमें बुरे कार्मों से बचना चाहिए। धर्म के रास्ते पर, सन्मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिए। आचार्यप्रवर ने ग्रामिणों को फरमाया कि हम लोग अभी अहिंसा यात्रा कर रहे हैं। अहिंसा यात्रा के तीन उद्देश्यों को विस्तार से समझाया एवं स्थानीय लोगों को अहिंसा यात्रा के संकल्प स्वीकार करवाए। जैन समाज के 5 परिवार हैं। पूज्यप्रवर के स्वागत में बड़लियास ठाकुर राज परिवार से ठाकुर दिलीप सिंह ने अपनी भावना अभिव्यक्त की। राघव सोमानी, विशाल (राजकीय विद्यालय परिवार से) ने भी पूज्यप्रवर का स्वागत किया। जैन परिवार की ओर से विनोद चिंडालिया ने अपनी भावना रखी। मुकेश रांका ने भी अपनी भावना रखी।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए मुनि दिनेश कुमार जी ने बताया कि जो गुरु चरणों में रहते हैं, वे स्वयं में अपने आपको धन्य मानते हैं।