आचार्य भिक्षु जन्म त्रिशताब्दी वर्ष, वर्षावास स्थापना एवं तेरापंथ स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में विविध आयोजन

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राजलदेसर

आचार्य भिक्षु जन्म त्रिशताब्दी वर्ष, वर्षावास स्थापना एवं तेरापंथ स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में विविध आयोजन

तेरापंथ सभा भवन में ‘शासनश्री’ साध्वी मानकुमारी जी के सान्निध्य में तेरापंथ स्थापना दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र उच्चारण से किया गया। धर्म सभा को संबोधित करते हुए साध्वीश्री ने कहा - आषाढ़ी पूर्णिमा का दिन तेरापंथ धर्म संघ के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। आज का दिन आचार्य भिक्षु के जीवन में नया आलोक भरने वाला दिन था। आचार शुद्धि के लिए उन्होंने बहुत प्रयत्न किया। स्वयं ने शुद्ध आचार का पालन किया और लोगों को शुद्ध आचार से अवगत कराया। तेरापंथ संघ की स्थापना सहज ही हो गई। तेरापंथ संघ की स्थापना ऐसे शुभ मुहूर्त पर हुई कि यह संघ विकास की ऊंचाइयों को छू रहा है। इस अवसर पर साध्वी कमलयशा जी, साध्वी चैत्यप्रभा जी, साध्वी इंदुयशा जी, साध्वी कीर्तिरेखा जी ने आचार्य भिक्षु के जीवन पर सारगर्भित वक्तव्य व गीत के द्वारा अभिव्यक्ति दी। हुणतमल नाहर, नेहा जैन, पुष्पादेवी सोनी, महिला मंडल ने भी आराध्य के प्रति अभ्यर्थना की। कार्यक्रम का संयोजन साध्वी स्नेहप्रभाजी ने किया।