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आचार्य भिक्षु जन्म त्रिशताब्दी वर्ष, वर्षावास स्थापना एवं तेरापंथ स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में विविध आयोजन
साध्वी संघप्रभा जी के सान्निध्य में पडिहारा में आचार्य श्री भिक्षु का 300वां जन्मोत्सव, 268वां बोधि दिवस एवं 266वां तेरापंथ स्थापना दिवस का आयोजन भव्य और गरिमामय रूप में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का मंगलाचरण भिक्षु अष्टकम के सुमधुर स्वर लहरियों के साथ प्रभा देवी सुराणा द्वारा किया गया। स्थापना दिवस के अवसर पर मंजु देवी दुगड़ ने मंगलाचरण किया। साध्वी संघप्रभा जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि आचार्य भिक्षु का जन्म सिंह स्वप्न के साथ माता दीपा की कुक्षि से हुआ। वे जीवनभर एक सिंह पुरुष की तरह शिथिलाचार के विरुद्ध सिंह गर्जना करते रहे। जन्म से ही वे अनेक विलक्षण विशेषताओं एवं विशिष्ट लक्षणों के धारक थे, जिसने उन्हें तेरापंथ धर्मसंघ का संस्थापक बनने का गौरव प्रदान किया। उसी दिन उन्हें राजसमन्द में नई बोधि प्राप्त हुई। 266वें स्थापना दिवस के अवसर पर साध्वीश्री ने कहा कि क्रांति का इतिहास बातों से नहीं लिखा जाता, दिए जाते हैं उसके वास्ते जानों के नजराने। कवि की इन मार्मिक पंक्तियों का जीवंत स्वरूप है तेरापंथ की स्थापना का इतिहास। आचार्य भिक्षु की जन्म-जन्म की योग-साधना का फल है तेरापंथ, जो आज्ञा, अनुशासन, आचार निष्ठा, मर्यादा और एक विधान की तेजस्वी परंपरा का सबल संवाहक है।
इस अवसर पर अनेक भावभीनी प्रस्तुतियाँ हुईं। साध्वी सोमश्री जी ने सुमधुर गीतिका द्वारा अपने आराध्य को श्रद्धार्पण करते हुए वातावरण को भिक्षुमय बना दिया। तेरापंथ महिला मंडल द्वारा 'सांवरिये री अजब कहानी' और 'प्यारा तेरापंथ, इसकी जग में शान बढ़ाएंगे' जैसी सुंदर गीतिकाएँ प्रस्तुत की गईं। बालोतरा से समागत विमला देवी गोगड़ एवं कलावती देवी चौपड़ा ने स्वर लहरियों में आचार्य भिक्षु की स्तुति की। प्रभा देवी सुराणा, ओजस दुगड़ आदि वक्ताओं ने गीतिका, मुक्तक एवं विविध शैलियों में अपने भाव प्रकट किए। तेरापंथ इनफॉर्मेशन एवं इंट्रोडक्शन कार्यक्रम की प्रस्तुति ज्ञानशाला के बच्चों एवं महिला मंडल द्वारा रोचक एवं शानदार ढंग से दी गई। ज्ञानशाला के बच्चों ने 'जन्मदिन मनाएं, हम हर्षाएं' एक्शन प्रोग्राम एवं 'बधाई-बधाई दीपांमाता बधाई' कार्यक्रम प्रस्तुत कर सबका मन मोहा। कव्वाली के माध्यम से भी बाल प्रतिभाओं ने भक्ति रस का संचार किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी प्रांशुप्रभा जी ने किया। कार्यक्रम में श्रावक-श्राविकाओं की सराहनीय उपस्थिति रही।