
रचनाएं
बाजे अनशन शहनाई
शासनश्री बिदामांजी इतिहास रच्यो जयकारी,
भैक्षवगण शासना में बाजे अनशन शहनाई।।
1. शूरा रो पथ है आलो अपनावे किस्मत वालो,
'भाग्योदय' समरांगण में बाजे अनशन शहनाई ।।
2. 'शासनश्री' सुदीर्घजीवी, जीती जीवन री बाजी,
'संयम' रे समरांगण में बाजे अनशन शहनाई ।।
3. ध्रुवयोगों में देखी दृढ़ता, पंचामृत में समरसता,
'वीर्य' रे समरांगण में, बाजे अनशन शहनाई ।।
4. चढ़ता परिणामां स्यूं थे, पंचख्यो संथारो क्षण में,
'भावां' रे समरांगण में, बाजे अनशन शहनाई ।।
5. साध्वी उज्ज्वलरेखा जी, सतियां मिल सेवा साझी,
'सेवा' (निर्जरा) रे समरांगण में, बाजे अनशन शहनाई।।
6. गुरुत्रय किरपा वरदाई, प्रांजल-मन खुशियां छाई,
'समता' रे समरांगण में, बाजे अनशन शहनाई ।।
लय - मंगल है आज तेरे शासन में