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फ्रेंड्सशिप डे पर हुआ कल्याण मित्र वर्कशॉप आयोजित
साध्वी प्रोफेसर मंगलप्रज्ञा जी के सान्निध्य में कल्याण मित्र वर्कशॉप का भव्य आयोजन सिटीलाईट तेरापंथ भवन में हुआ। इस अवसर पर साध्वीश्री ने कहा कि कल्याण मित्र की अपनी योग्यता होती है, विशेषता होती है। जिंदगी में एक कल्याण मित्र का होना परमावश्यक है, जो सुख-दु:ख का सच्चा साथी बन सके। सच्चा मित्र चीनी में पड़ने वाले कीड़े की तरह मात्र मीठा बोलने वाला नहीं, नमक की तरह होता है जिसमें कभी कीड़े नहीं लगते। साध्वी प्रोफेसर मंगलप्रज्ञा जी ने कहा सच्चा मित्र वह होता है जो अपने मित्र की गोपनीय बात को प्रकट न करे, मर्म का भेदन न करे, बल्कि गुणों का प्रकटीकरण करे।
बुराई को एकांत में कहे और गलतियों का निवारण करे। कैसी भी परिस्थिति हो, मित्र का साथ न छोड़े। स्वार्थ की चेतना से ऊपर बढ़कर सहयोग की भावना से ओतप्रोत बने। श्रम, संयम और अर्थ से अपने मित्र को सहयोग देने वाला वास्तविक मित्र होता है, जो इत्र की तरह अपने मित्र की गुणवत्ता को सुगंध की तरह महका कर अपनी सच्ची मित्रता का इजहार करता है। कार्यक्रम में साध्वी सुदर्शनप्रभा, साध्वी अतुलयशा, साध्वी चैतन्यप्राभ और साध्वी शौर्यप्रभा ने 'दोस्त कैसा हो' भावों को दर्शाने वाली गीतिका का सह-संगान किया। कार्यक्रम से पूर्व साध्वी राजुलप्रज्ञा जी ने मंगल भावनाओं आदि का प्रयोग करवाया। साध्वी शौर्यप्रभा जी ने महावीर वाणी का परिषद को श्रवण करवाया।