चातुर्मास में जीवन को दें नई दिशा और दशा

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बारडोली।

चातुर्मास में जीवन को दें नई दिशा और दशा

युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की महत्ती कृपा से विदुषी साध्वी राकेश कुमारी जी आदि ठाणा-4 ने सन 2025 के चातुर्मास हेतु मंगल प्रवेश किया। मंगल प्रवेश पर स्वागत कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वीश्री द्वारा नवकार महामंत्र के उच्चारण से हुआ। मंगलाचरण तेरापंथ महिला मंडल, बारडोली द्वारा प्रस्तुत किया गया। स्वागत गीत तेरापंथ युवक परिषद् एवं तेरापंथ महिला मंडल द्वारा प्रस्तुत किया गया। स्वागत वक्तव्य सभा अध्यक्ष महावीर दक, महिला मंडल अध्यक्षा धर्मिष्ठा मेहता, तेयुप अध्यक्ष राहुल सामरा एवं तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के अध्यक्ष सुशील सरणोत द्वारा दिया गया। उपासक पारसमल बाफना एवं सभा के पूर्व अध्यक्ष सुजान सिंह मेहता ने भी अपने विचार अभिव्यक्त किए।
साध्वी मलयविभाजी, साध्वी विपुलयशाजी एवं साध्वी चेतस्वीप्रभाजी द्वारा आध्यात्मिक बुलेटिन प्रस्तुत किया गया, जिसमें चातुर्मास अवधि में किए जाने वाले समस्त करणीय कार्यों का विस्तृत विवरण प्रदान किया गया। साध्वीवृंद ने प्रेरणा देते हुए कहा कि हम ज्ञान, दर्शन, तप और चरित्र के माध्यम से अपने तन-मन को आध्यात्मिक प्रभाव में ढालकर इस जीवन को एक नई दिशा और दशा दे सकते हैं। साध्वी राकेशकुमारी जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम अत्यंत पुण्यशाली हैं जो हमें जैन धर्म, तेरापंथ धर्म और आचार्य श्री महाश्रमण जी जैसे युगपुरुष प्राप्त हुए। चातुर्मास की अवधि कर्म निर्जरा के लिए अत्यंत उपयुक्त अवसर है, जिसका हमें भरपूर लाभ लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि चातुर्मास में जितना संभव हो सके, स्वाध्याय, जप और तप करना चाहिए, जिससे यह मानव भव सार्थक हो सके।
साध्वीवृंद द्वारा एक सुंदर गीतिका का संगान किया गया। साथ ही समस्त श्रावक समाज को चातुर्मासिक आध्यात्मिक उपहार प्रदान करते हुए त्याग एवं तपस्या के लिए प्रेरित किया गया। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के MBDD 2.0 उपक्रम के अंतर्गत बैनर का अनावरण भी साध्वीवृंद के सान्निध्य में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का सफल संचालन अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयेश मेहता ने किया।