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बालभक्ति संध्या का दिखा अद्भुत नजारा
साध्वी प्रोफेसर डॉ. मंगलप्रज्ञा जी के सान्निध्य में आचार्य भिक्षु बोधि दिवस और जन्मदिवस के अवसर पर रात्रिकालीन बालभक्ति संध्या का भव्य आयोजन तेरापंथ भवन सिटीलाईट तेरापंथ भवन में हुआ। साध्वीश्री की प्रेरणा से प्रथम बार बाल भक्ति संध्या आयोजित हुई। मनमोहक कार्यक्रम में उद्गार प्रदान करते हुए साध्वीश्री ने कहा - तेरापंथ धर्म संघ गुणवत्ता युक्त अद्वितीय संघ है, यहाँ एक गुरु के इंगित और निर्देशानुसार हर संस्थाएं सजगता के साथ संघ उन्नयन और प्रभावना के लिए श्रम, समय और शक्ति का सम्यक् नियोजन कर रही हैं। जागरूकता से दायित्वों का निर्वहन कर रही हैं। बालभक्ति संध्या का रूप देखकर सभी का मन प्रसन्न है। बच्चों ने प्रायः बिना देखे आत्मविश्वास के साथ गीत प्रस्तुत किए। यह सबके लिए प्रेरणा है। बाल मुख से किया गया हर संगान आकर्षक था। इस कार्यक्रम की संयोजना और सफलता के लिए ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं ने सराहनीय मेहनत की है। इन उभरती प्रतिभाओं में साहस का संचार कर हौसला बढ़ाना चाहिए।
कार्यक्रम का प्रारंभ ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओं के संगान से हुआ। लगभग 45 बच्चों ने भिक्षु अभ्यर्थना में भावविभोर होकर समा बांधा। बच्चों की प्रस्तुति से सारी परिषद अभिभूत हो उठी। इस संगीत प्रतियोगिता के निर्णायक हेमराज महरवंशी और आदित्य शाह रहे। निर्णायकों के निर्णय अनुसार 5 से 9 वर्ष तक के प्रतिभागियों में प्रथम छवि भोगर, द्वितीय परम मेहता एवं तृतीय स्थान पर भव्य गोलेछा रहे। 10 से 14 वर्ष तक के प्रतिभागियों में प्रथम तनिश अब्बानी, द्वितीय रिवा मेहता एवं तृतीय रूही मेहता रहे। सभी विजेताओं और प्रतिभागियों को तेरापंथ सभा द्वारा सम्मानित किया गया।