
संस्थाएं
परिवार उत्कर्ष कार्यशाला का आयोजन
साध्वी अणिमाश्री जी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन में तेरापंथी सभा के तत्वावधान में 'परिवार उत्कर्ष कार्यशाला' का भव्य आयोजन हुआ। विशाल परिषद् को सम्बोधित करते हुए साध्वी अणिमाश्री जी ने कहा–परिवार वह प्यार भरा नीड़ है, जहां दिन भर से थके-हारे पंछी को विश्राम मिलता है। परिवार वह रसमयी धरती है, जहां हर बीज को फलने व फूलने का मौका मिलता है। परिवार जीवन का आधार है, जीवन का विकास और विश्वास है, परिवार है तो जीवन में खुशहाली है। साध्वीश्री ने कहा–घर में सिर्फ साथ रहना ही परिवार नहीं है, बल्कि साथ-साथ जीना, एक-दूसरे को समझना एवं एक-दूसरे की परवाह करना ही परिवार है। जिस परिवार में प्रेम और मान-सम्मान होता है, वही परिवार उत्कर्ष करता है। साध्वीश्री ने संस्कारों की चर्चा करते हुए कहा–प्रीवेडिंग क्या हमारे संस्कारों एवं संस्कृति के अनुरूप है? बेबी शावर जैसे कार्यक्रम क्या हमारे परिवारों को दिखावे की ओर नहीं ले जा रहे हैं?
कोई भी कार्यक्रम हो, उसमें संस्कारों का पुट रहना चाहिए, तभी परिवार में प्रसन्नता का, संस्कारों का, रिश्तों का उत्कर्ष होगा। डॉ. साध्वी सुधाप्रभा जी ने कहा – परिवार रूपी सागर में प्रसन्नता की लहरें हिलोरे लें, इसके लिए अपेक्षा है कि परिवार का हर सदस्य श्रम-देवता की पूजा करे। अपने हाथों में मेहनत की मेंहदी लगाएं। साध्वी कर्णिकाश्री जी ने मंच संचालन करते हुए कहा – परिवार दुनिया की सबसे बड़ी दौलत है, उसे संभालकर रखें। साध्वी समत्वयशा जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने आगमवाणी का विश्लेषण किया।