परिवार कैसे रहे खुशहाल कार्यशाला

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धुरी, पंजाब।

परिवार कैसे रहे खुशहाल कार्यशाला

साध्वी कनकरेखा जी के सान्निध्य में 'परिवार कैसे रहे खुशहाल' कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ स्वाति जैन के सुमधुर मंगलाचरण से हुआ। साध्वी कनकरेखा जी ने उद्बोधन में कार्यशाला के सहभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा – परिवार एक ऐसा नीड़ है, जहां थका-मांदा हर इंसान सुख-चैन का अनुभव करता है, सुकून पाता है। परिवार व्यक्तित्व निर्माण की प्रयोगशाला है। पारस्परिक सौहार्द के जरिए जीवन की बगिया में परिवार का हर सदस्य प्रेम, मैत्री, करुणा, सामंजस्य और सहिष्णुता के सतरंगी फूल खिला सकता है, जिसकी महक आदर्श परिवार के मुकाम तक पहुँचती है और परिवार में खुशहाली नजर आती है।
आगे आपने कहा – जहाँ बड़ों के प्रति विनम्रता और छोटों के साथ वात्सल्य होता है, वहीं परिवार धरती पर स्वर्ग का नजारा दिखाता है। साध्वी संवरविभा जी ने विषय के साथ अपने विचार रखते हुए कुशल संचालन किया। साध्वी गुणप्रेक्षा जी ने परिवार की खुशहाली का राज बताते हुए कहा – हम सद्गुण-सौरभ से सुरभित परिकर में खुशियों के फूल खिलाएं। इसके पश्चात् जिज्ञासा-समाधान के सिलसिले में 'पॉइंट ऑफ द परफेक्ट' प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।