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संसार समुद्र से पार होने की आकांक्षा वाला ही वीर
प्रोफेसर डॉ. साध्वी मंगलप्रज्ञा जी ने सिटीलाइट तेरापंथ भवन में मुमुक्षु अंजली के लिए समायोजित मंगलभावना समारोह में उद्बोधन प्रदान करते हुए कहा – वीर वही होता है जो महान पथ पर चरणन्यास करता है। मुमुक्षु अंजली के मन में जागरण दीप प्रज्वलित हुए, संकल्प जगा, पंथ चुना और सही निर्णय करके मंजिल की ओर गतिमान हो गई। सही रास्ते का चयन भी गुरु कृपा से होता है। विनय, समर्पण, साहस और श्रद्धा-भावना के साथ आगे बढ़ती रहो। योग्यता का उपयोग संघ सेवा में करती रहो। इस अवसर पर दीक्षार्थिनी अंजली के पारिवारिक जन उपस्थित थे। साध्वी श्री ने अंजली की बहनों को संयम मार्ग पर अग्रसर होने की प्रेरणा दी।
दीक्षार्थिनी अंजली ने अपने उद्गार में कहा – मुझे गुरु के अनमोल वचनों ने सन्मार्ग दिखाया। अभिभावकों का सहयोग, सहोदरी अग्रजा साध्वी मंजुलयशा जी की प्रेरणा, 'शासनश्री' साध्वी मधुबाला जी का समयोचित पथ-दर्शन के प्रति मैं कृतज्ञ हूं। उसने कहा – मैं प्रोफेसर साध्वी मंगलप्रज्ञा जी से भी आशीर्वाद चाहती हूं। अध्यात्म की दिशा में आरोहण करती रहूं। साथ ही सम्पूर्ण परिषद को दीक्षा के अवसर पर आगम हेतु निमंत्रण दिया। साध्वी डॉ. राजुलप्रभा जी ने विकासमयी संयम यात्रा के प्रति आध्यात्मिक शुभकामनाएं दीं। साध्वीवृंद ने समवेत स्वर में गीत का संगान किया। तेरापंथ महिला मंडल की बहनों ने 'शुभं ते पन्थान:' गीत का सामूहिक संगान कर दीक्षार्थिनी बहन को वर्धापित किया। तेरापंथ सभा अध्यक्ष हजारीमल भोगर, मंत्री महेन्द्र गांधी मेहता, तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष नमन मेड़तवाल ने मंगलकामनाएं दीं। तेरापंथ सभा, महिला मंडल एवं युवक परिषद द्वारा दीक्षार्थिनी बहन अंजली का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी डॉ. शौर्यप्रभा जी ने कुशलतापूर्वक किया।