अनेकांतवाद कार्यशाला

संस्थाएं

अनेकांतवाद कार्यशाला

हैदराबाद
अभातेममं के निर्देशानुसार तेरापंथ महिला मंडल, हैदराबाद के तत्त्वावधान में तेरापंथ भवन, डी0वी0 कॉलोनी में शासनश्री साध्वी जिनरेखा जी आदि के सान्‍निध्य में ‘अनेकांतवाद’ विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। मासिक कार्यशाला की शृंखला में इस वर्ष धर्म के सूत्रों को अपनाकर जीवन में रूपांतरण लाने का प्रयास किया गया। जीवन को खुश रखने का एक आध्यात्मिक सिद्धांत हैअनेकांत। अनेकांत का सूत्र जीवन में उतारकर जीवन को सरल एवं निरामय बनाया जा सकता है। कार्यक्रम की शुरुआत नमस्कार महामंत्र से हुई। मंगलाचरण की सुमधुर प्रस्तुति महिला मंडल द्वारा की गई। साध्वी मार्दवयशा जी ने मंगलभावना का संगान एवं प्रेक्षाध्यान का लघु उपयोग करवाया। साध्वी जिनरेखा जी ने कहा कि जैन जीवनशैली का दूसरा आयाम हैअनेकांतवाद। मनुष्य सामुदायिक जीवन जीता है। उसके सापेक्षता, समन्वय, सहिष्णुता, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व आदि आवश्यक होते हैं। निरपेक्ष या एकांगी द‍ृष्टिकोण से आग्रह पैदा होता है, आग्रह का परिणाम हैकलह। कलह से बचने का उपाय हैअनेकांत। अनेकांत जैन दर्शन का मौलिक सिद्धांत है। साध्वीश्रीजी द्वारा गीत का संगान किया गया। महिला मंडल अध्यक्ष अनीता गिड़िया ने सभी का स्वागत किया और अनेकांत दर्शन पर विचार व्यक्‍त किए। पूर्व अध्यक्ष प्रेम पारख, मंजु दुगड़, चंदा जैन, शकुंतला बुच्चा, शीतल सांखला, हर्षलता दुधोड़िया, चाँद बैद, जतन ओस्तवाल, प्रभा दुगड़, संतोष पींचा, रजनी शामसुखा, निशा दुगड़ आदि अनेक महिला मंडल की बहनों की उपस्थिति रही। सभी का आभार ज्ञापन मंत्री श्‍वेता सेठिया ने किया।