चार मासखमण साधक-साधिकाओं का अभिनन्दन समारोह

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सिटीलाइट, सूरत।

चार मासखमण साधक-साधिकाओं का अभिनन्दन समारोह

मासखमण तप अभिनन्दन समारोह में उपस्थित विशाल धर्म परिषद को सम्बोधित करते हुए साध्वी प्रोफेसर डॉ मंगलप्रज्ञा जी ने कहा - भगवान महावीर का उपदेश है आत्मनिर्जरा के लिए तप करना चाहिए। तपस्या आत्मशुद्धि का प्रवर साधन है। तप के द्वारा आत्म प्रभावना और संघ प्रभावना होती है। कीर्ति और प्रशंसा के लिए तप की आराधना न हो। चातुर्मास का समय ज्ञान-दर्शन-चारित्र और तप की आराधना के लिए श्रेष्ठ है। हर सदस्य समयानुसार खुद को तप में नियोजित करे।
प्रो. साध्वी मंगलप्रज्ञा जी की प्रेरणा से हर्ष भोगर ने 30, सोहनी देवी डोसी ने 29, गीता बम्ब ने 29 और रणजीत भंसाली ने 31 दिवसीय मासखमण की साधना की एवं गुलाव भंसाली ने धर्म चक्र तप सम्पन्न किया। तपस्वियों के अभिन्दन में परिवारिक जन ने अलग-अलग गीत का संगान कर तप वर्धापन किया। रणजीत भंसाली का परिचय तेरापंथ सभा मंत्री महेन्द्र गांधी मेहता, हर्ष भोगर का परिचय महिला मंडल पूर्व अध्यक्ष चन्दा भोगर, गीता बम्ब का परिचय तेयुप उपाध्यक्ष मुकेश जैन एवं सोहनी देवी डोसी का परिचय महिला मंडल उपाध्यक्षा सीमा भोगर ने प्रस्तुत किया। साध्वीप्रमुखाश्री द्वारा प्रस्तुत संदेश का वाचन तेरापंथ सभा अध्यक्ष हजारीमल भोगर एवं अभिनंदन पत्र का वाचन मेनेजिंग ट्रस्टी बाबूलाल भोगर ने किया। धर्मचक्र तप अभिनन्दन पत्र का वाचन सभा के निवर्तमान अध्यक्ष मुकेश बैद ने किया। तपस्वियों के वर्धापन क्रम में परिजनों ने शुभकामनाएं दी।
महिला मंडल की बहनों द्वारा कार्टून शो की शानदार प्रस्तुति ने परिषद का मन मोह लिया। साध्वी सुदर्शनप्रभाजी, साध्वी अतुलयशाजी, साध्वी डॉ राजुलप्रभाजी, साध्वी डॉ चैतन्य प्रभाजी एवं साध्वी डॉ शौर्यप्रभाजी ने 'सिटी लाइट में तप की लाइम लाइट' की प्रस्तुति दी। तेरापंथ सभा एवं सभी संस्थाओं ने साहित्य आदि द्वारा तपस्वियों का सम्मान किया। तप द्वारा तप अभिनंदन आह्वान पर अनेक भाई-बहनों ने तेले का संकल्प लिया। मंच संचालन साध्वी सुदर्शनप्रभाजी ने किया।