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“स्वास्थ्य की चाबी आपके हाथ” कार्यशाला का हुआ आयोजन
प्रेक्षाध्यान कल्याण वर्ष के उपलक्ष्य में “स्वास्थ्य की चाबी आपके हाथ” विषय पर साध्वी पुण्ययशा जी के सान्निध्य में एक ज्ञानवर्धक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ साध्वी श्री द्वारा नवकार मंत्र के उच्चारण से हुआ। तत्पश्चात मंडल की बहनों ने मंगलाचरण स्वरूप प्रेरणा गीत प्रस्तुत किया। अध्यक्ष मंजु बोथरा ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए विषय पर अपने विचार रखे। साध्वी बोधिप्रभा जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि शास्त्रों में स्वस्थ जीवन जीने के लिए तीन बातें बताई गई हैं – वर्तमान में जीना, सकारात्मक चिंतन शैली अपनाना तथा अनाग्रह- अनासक्त भावना का विकास करते हुए आवेश पर नियंत्रण रखना।
साध्वी पुण्ययशा जी ने ध्यान को उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त करने का श्रेष्ठ साधन बताते हुए सभी को पवित्र विचारों से जुड़ने के लिए ध्यान का अभ्यास करवाया। उन्होंने कहा कि भोजन का संतुलन और मन की शांति ही वास्तविक स्वास्थ्य की चाबी है। “स्वस्थ कौन है?” इस प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने स्पष्ट किया – जिसे अच्छी भूख, अच्छी नींद और नियमित सोच प्राप्त हो वही वास्तव में स्वस्थ है। भावनात्मक दृष्टि से जो व्यक्ति क्रोध, आवेग और आवेश पर नियंत्रण रखता है वही स्वस्थ कहलाता है। साध्वीश्री ने अच्छे स्वास्थ्य हेतु ध्यान, मंत्र-जप एवं संतुलित आहार के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बेमेल भोजन के दुष्प्रभावों की जानकारी भी दी। मंडल की बहनों ने “खानपान” विषय पर एक रोचक प्रस्तुति प्रस्तुत की, जिसे सभी ने सराहा। कार्यशाला का संचालन संयोजिका श्वेता कोठारी ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन मंत्री वंदना भंसाली द्वारा किया गया।