रूपांतरण की प्रक्रिया है दीक्षा

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भायंदर।

रूपांतरण की प्रक्रिया है दीक्षा

'शासनश्री' साध्वी विद्यावतीजी 'द्वितीय' के सान्निध्य में पालघर से समागत दीक्षार्थिनी बहन भावना बाफणा का मंगल भावना समारोह आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ महिला मंडल के मंगलाचरण से हुआ। पालघर महिला मंडल की अध्यक्षा रंजना जैन ने शुभकामनाएँ व्यक्त कीं। भायंदर महिला मंडल की अध्यक्ष संगीता बोथरा ने स्वागत वक्तव्य देते हुए दुपट्टा एवं माला से दीक्षार्थिनी भावना का सम्मान किया। सभा उपाध्यक्ष विजयसिंह बोकडिया एवं तेयुप मंत्री मनोज कच्छारा ने भी अपने विचार रखे।
साध्वी प्रियंवदा जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि जैन भागवती दीक्षा जीवन की विशिष्ट उपलब्धि है। यह रूपांतरण की वह प्रक्रिया है जिसमें सिंहवृत्ति से संयम ग्रहण कर मुमुक्षु मोक्ष रूपी लक्ष्मी का वरण करता है। साध्वी प्रेरणाश्रीजी, साध्वी मृदुयशाजी एवं साध्वी ऋद्धियशाजी ने सुमधुर गीत प्रस्तुत किया। दीक्षार्थिनी भावना बाफणा ने भाव व्यक्त करते हुए कहा – मैं अत्यंत सौभाग्यशाली हूँ कि मेरी दीक्षा श्रद्धेय आचार्य श्री महाश्रमणजी के मुखकमल से अगले महीने होने जा रही है। मुझे आशीर्वाद दें कि मैं संयमी जीवन में निरंतर प्रगति करती रहूँ। इस अवसर पर सभा उपाध्यक्ष राजेन्द्र कोठारी, जैन विद्या प्रभारी पारसमल कच्छारा एवं महिला मंडल की अनेक बहनें उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का संचालन महिला मंडल की मंत्री निशु डागा ने किया।