आत्मा को मांजने की प्रक्रिया है व्रत

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आत्मा को मांजने की प्रक्रिया है व्रत

अभातेयुप के निर्देशन में तेरापंथ युवक परिषद, हैदराबाद द्वारा साध्वी डॉ. गवेषणाश्री जी के सान्निध्य में जैन तेरापंथ भवन, डी. वी. कॉलोनी में बारहव्रत कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ तेयुप की भिक्षु प्रज्ञा मंडली ने सुमधुर गीतों के संगान से किया। तेयुप अध्यक्ष राहुल गोलछा ने सभी श्रावक-श्राविकाओं का स्वागत करते हुए कहा कि बारह व्रतों को समझना और जीवन में धारण करना अत्यंत आवश्यक है।
कार्यशाला में साध्वी डॉ. गवेषणाश्री जी ने जीवन निर्माण की प्रेरणा देते हुए कहा— “व्रत केवल वर्जना नहीं, यह आत्मा को मांजने की प्रक्रिया है। बारह व्रत वह मूल स्तंभ हैं, जो व्यक्ति को संयम, विवेक और नैतिक शक्ति प्रदान करते हैं।” उन्होंने सरल भाषा और प्रभावशाली शब्दों में व्रतों की व्यावहारिक उपयोगिता को स्पष्ट करते हुए कहा कि बारह व्रतों का पालन जीवन को दिशा देता है और आत्मा को कलुषता से दूर करता है। युवा पीढ़ी यदि इन सिद्धांतों को अपनाए तो उनका जीवन संयममय और उज्ज्वल बन सकता है। साध्वी मेरु प्रभा जी, साध्वी मयंक प्रभा जी एवं साध्वी दक्ष प्रभा जी ने अपनी गीतिकाओं के माध्यम से व्रतों का सार प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का सुव्यवस्थित संचालन शुभम् बैद ने किया। मंत्री नीरज सुराणा ने साध्वी वृंद के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए सभी श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के संयोजक रवि प्रकाश कोटेचा एवं शुभम् बैद को समुचित व्यवस्थाओं के लिए धन्यवाद दिया गया।