शासन की श्रृंगार

रचनाएं

मुनि मुकुल कुमार

शासन की श्रृंगार

साध्वी बिदामांजी, शासन की श्रृंगार।
पचखा संथारा, मन में हिम्मत धार।।
1. श्री तुलसी की करुणा बरसी।
जीवन की फुलवारी सरसी।
बनी सफल अणगार।।
2. महाप्रज्ञ गुरु की शुभ छाया।
महाश्रमण का था वर साया।
करती आत्म विहार।।
3. सेवाभावी शांत कषायी।
रही साधना सदा सवाई।
करने भवजल पार।।
4. ज्यों की त्यों धर दीन्ही चादर।
संयम जीवन श्रेष्ठ बनाकर।
निर्मल मन अविकार।।
5. उज्ज्वल रेखा जी आदि सतिवर।
का सहकार मिला अति सुन्दर।
मुख-मुख जय जयकार।।
लय - तोता उड़ जाना