
रचनाएं
शासनश्री को बधाएं
शासनश्री को बधाएं।
दीर्घजीवी बिदामांजी ने नव इतिहास रचाए।।
1. सौम्य शान्त स्वर्णिम आभा से जन-जन का मन मोहे।
संयम चादर निर्मल तेरी दिव्य चेतना सोहे।
पाया गुरुमुख शुभ आशीर्वर, समता स्रोत बहायें।।
2. ज्ञान ध्यान स्वाध्याय प्रियता स्वावलम्बी शैली।
स्वस्थता का राज सुन्दर जीवन चर्या अलबेली।
नम्र, हेम, स्मित, अमृत, उज्जवल खूब समाधि पहुंचाये।।
3. गुरु महाश्रमण की अनमोल निधि हो संयम जीवन सुखकर।
लुधियाना से चरितार्थप्रभा सहवर्ती सतियां मिलकर।
जय जय नंदा जय जय भद्दा, मंगल भाव सजाये।।
4. पंडित मरण अलौकिक तेरा भव्य रूप मनहारी।
अनासक्त अप्रमत चित्त से उच्च श्रेणी कल्याणी।
सिद्ध गति आरोहण कर भव, बंधन मुक्ति मिल जाये।।
लय - संयममय जीवन हो