जीवन नैया तारी

रचनाएं

साध्वी लब्धियशा, साध्वी गौरवप्रभा

जीवन नैया तारी

शासनश्री साध्वी बिदामांजी, जीवन नैया तारी।
जीवन नैया तारी, पा भैक्षव गण फुलवारी।।
1. भाग्य सवायो, संयम पायो, कल्पवृक्ष लहरायो,
मस्त सदा अपणी ही धुन में, हर क्षण मोद मनायो।
गुरु कृपा रो नहीं पार जी, पा दीर्घजीवी उपहार जी,
तेरापंथ में जन्म सदी रो, नव इतिहास बणायो जी।।
2. सहज सरस व्यवहार मधुर हो, शांत धीर सुखदाई,
तप जप में तल्लीन रह्या, आत्मा स्यूं प्रीत जगाई।
नहीं आलस रो कोई काम जी, श्रम ही साची पहचान जी,
पणापण सगला रे सागै, नहीं कोई थांरी म्हारी जी।।
3. मेवाड़ी रजपूती दृढ़ता, वीर वृत्ति अपणाई,
अनशन कर थे जीती बाजी, जश झण्डी फहराई।
उज्ज्वलरेखा सहवास जी, जीवन में नित मधुमास जी,
सेवाभावी सतियां रो सहयोग मिल्यो मनहारी जी।।
4. ज्योतिचरण प्रभु महाश्रमण रो शासण ओ वरदाई,
महर नजर साध्वी प्रमुखा री, जागी हद पुण्याई।
हो आध्यात्मिक उत्थान जी, ऊपर स्यूं ऊपर वास जी,
करां कामना सिद्ध प्रभु स्यूं जुड़ जावे इकतारी जी।।
लय- मारूजी थांरे देश में