सामायिक से होती है समता एवं प्रसन्नता की प्राप्ति

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दाहोद।

सामायिक से होती है समता एवं प्रसन्नता की प्राप्ति

दाहोद। तेरापंथ भवन में मुनि कोमलकुमार जी के सान्निध्य में सामायिक साधना की पचरंगी एवं मौन साधना की पचरंगी का क्रम आयोजित किया गया। प्रत्येक साधना पचरंगी में लगभग 25 भाई-बहनों ने लाभ प्राप्त किया। सामायिक एवं मौन साधना की पचरंगी में न केवल तेरापंथ समाज, अपितु समस्त जैन समाज के भाई-बहनों ने उत्साह एवं रुचि दिखाई।
मुनि कोमलकुमार जी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा – “सामायिक से समता एवं प्रसन्नता की प्राप्ति होती है। सामायिक वास्तव में समता और प्रसन्नता की साधना है।” उन्होंने आगे कहा – “मौन से शांति मिलती है, घर स्वर्ग बन जाता है। वाणी संयम का अभ्यास वर्तमान युग में अत्यंत आवश्यक है।”