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दीक्षार्थी मंगल भावना समारोह का आयोजन
साध्वी सिद्धप्रभाजी के सान्निध्य में दीक्षार्थी प्रीत कोठारी के मंगल भावना समारोह का आयोजन तेरापंथ भवन, मैसूर में हुआ। साध्वीश्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ की दीक्षा, निश्चिंतता की दीक्षा है। उन्होंने साधु जीवन के परिषहों और उनकी श्रेष्ठता को बहुत ही तार्किक एवं रोचक रूप में समझाया। मुमुक्षु प्रीत को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि यह छोटे से गांव रामसिंह का गुड़ा की 12वीं दीक्षा है। अब तुम अपने व्यक्तित्व और आचरण द्वारा ऐसी छाप छोड़ो कि तुम्हारे पीछे मुमुक्षुओं की लंबी कतार तैयार हो। साध्वी आस्थाप्रभाजी ने अपने संसारपक्षीय भतीजे के प्रति मंगलकामना प्रेषित करते हुए कहा कि गुरु इंगित की आराधना करते हुए निरंतर आगे बढ़ते रहना और एक आदर्श साधु के रूप में साधनारत रहना। उन्होंने कहा कि मुझे गौरव है अपने संसारपक्षीय कोठारी परिवार पर, जहां मेरे बाद यह चौथी दीक्षा हो रही है।
अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति करते हुए मुमुक्षु प्रीत ने एक कहानी के माध्यम से कहा कि अनंत भवों की यात्रा के पश्चात मुझे यह दुर्लभ अवसर मिला है। मैं कृतज्ञ हूं पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमणजी एवं उपकारी संतों के प्रति। इस अशाश्वत जीवन में मैं शाश्वत की ओर जाना चाहता हूं। अपूर्णता से पूर्णता को प्राप्त करना चाहता हूं, इसलिए मैं दीक्षा ले रहा हूं।
सभा अध्यक्ष प्रकाश दक रॉयल, मंत्री दिलीप पितलिया, महिला मंडल अध्यक्षा विजयलक्ष्मी आच्छा, टीपीएफ अध्यक्ष प्रकाश दक, वनमाला नाहर एवं चेलना नाहर ने अपने भाव व्यक्त किए। नीतू आच्छा, भिक्षु भजन मंडली और पारिवारिकजनों ने गीतिका के माध्यम से मुमुक्षु प्रीत कोठारी को बधाई व मंगलभावना अर्पित की।तेरापंथ समाज द्वारा मुमुक्षु का अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी दीक्षाप्रभाजी ने किया।