साध्वी बिदामांजी की स्मृति सभा का आयोजन

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गंगाशहर।

साध्वी बिदामांजी की स्मृति सभा का आयोजन

उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमलकुमार जी के सान्निध्य में सुदीर्घजीवी शासनश्री साध्वी बिदामाजी की स्मृति सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुनिश्री ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि साध्वी बिदामाजी केवल तेरापंथ धर्मसंघ में ही नहीं, बल्कि संपूर्ण जैन समाज में उम्र और दीक्षा पर्याय के दृष्टिकोण से प्रथम साध्वी कही जा सकती हैं। उन्नत आयु में भी उनका स्वाध्याय, तप और जप का क्रम निरंतर चलता रहा। मुनिश्री ने बताया कि जब वे प्रथम बार कालू पधारे तो साध्वीश्री की सरलता, सहजता, विनम्रता, गणनिष्ठा, गुरुनिष्ठा और आचारनिष्ठा देखकर उनका हृदय प्रफुल्लित हो गया।
उन्होंने कहा कि इस अवस्था में भी साध्वीश्री ने लंबे समय तक विराजकर समाज को सेवा व प्रतिबोध प्रदान किया। गणाधिपति गुरुदेव तुलसी के मुखकमल से दीक्षित और आचार्यश्री महाश्रमणजी से अलंकृत साध्वीश्री बिदामाजी ने अपनी कर्मजा शक्ति से दीर्घकाल तक धर्मसंघ की सेवाएँ प्रदान कीं। उन्हें साध्वी उज्ज्वलरेखा जी आदि साध्वियों का अंत समय तक अनुपम सहयोग प्राप्त हुआ, जिसका परिणाम रहा कि उन्होंने संथारे पूर्वक अंतिम विदाई ली। सभा के दौरान मुनि कमलकुमार जी एवं मुनि श्रेयांस कुमार जी ने दोहों के माध्यम से श्रद्धासुमन अर्पित किए। अंत में चार लोगस्स का ध्यान कर साध्वीश्री के उत्तरोत्तर आध्यात्मिक विकास की मंगलकामना की।