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दो दिवसीय प्रेक्षाध्यान कार्यशाला का आयोजन
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में प्रेक्षा फाउन्डेशन के तत्वावधान तथा जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा (कलकत्ता-पूर्वांचल) ट्रस्ट द्वारा प्रेक्षा विहार में दो दिवसीय प्रेक्षाध्यान कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के प्रथम दिवस कायोत्सर्ग तथा द्वितीय दिवस श्वास प्रेक्षा पर विशेष प्रशिक्षण एवं प्रयोग कराए गए। इस अवसर पर संबोधित करते हुए मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि मन की पवित्रता और चित्त की शुद्धि के लिए ध्यान आवश्यक है। इसके द्वारा अनेक शक्तियाँ और लब्धियाँ प्राप्त की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि ध्यान के विभिन्न प्रकारों में प्रेक्षाध्यान विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। प्रेक्षाध्यान में श्वास प्रेक्षा का विशेष स्थान है। श्वास प्रेक्षा का नियमित अभ्यास मन को शांत करता है, एकाग्रता बढ़ाता है और ज्ञाता-दृष्टा भाव का विकास करता है।
मुनिश्री ने आगे कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के चित्त में समाधि की चाह होती है। समाधि का अर्थ है समाधान। इसके लिए निर्ममता, निरहंकारिता, निगर्विता तथा सब जीवों के प्रति समता का विकास आवश्यक है। इस अवसर पर मुनिश्री ने साधकों को ध्यान का प्रयोग भी कराया। कार्यशाला में प्रशिक्षिका सुधा जैन, लक्ष्मीलता बैद, मनीषा नाहटा, संगीता सेठिया एवं ममता मुथा ने भी प्रशिक्षण प्रदान किया। इस कार्यशाला में लगभग 150 बहनों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। कार्यक्रम की सफलता में पूर्वांचल सभा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।