
संस्थाएं
शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक सुरक्षा का महनीय महामंत्र – भक्तामर स्तोत्र
'शासनश्री' साध्वी संघमित्रा जी के सान्निध्य में तेरापंथ युवक परिषद दिल्ली, तेरापंथ सभा साउथ दिल्ली एवं अन्य सभाओं के संयुक्त तत्वावधान में आस्था भवन, ग्रीन पार्क, नई दिल्ली में विघ्न-बाधा निवारक शांति महानुष्ठान एवं भक्तामर स्तोत्र जप अनुष्ठान का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर दिल्ली भर से सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। साध्वी संघमित्रा जी ने अपने प्रवचन में कहा कि भक्तामर स्तोत्र भगवान आदिनाथ की स्तुति है। इसके पाठ से मन की शांति, सकारात्मकता और आध्यात्मिक विकास होता है। भक्तामर एक शक्तिशाली महामंत्र है जो नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। यह हर प्रकार से आनंद और मंगल प्रदान करने वाला है।
साध्वी शीलप्रभा जी ने कहा कि *भक्तामर स्तोत्र सर्वकार्य सिद्धिदायक है। आचार्य श्री मानतुंग द्वारा रचित यह स्तुति न केवल सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति करती है, बल्कि मन को शांत करने, आध्यात्मिक सुरक्षा प्रदान करने और विभिन्न रोगों के उपचार में भी सहायक मानी जाती है। साध्वी डॉ. सूरजप्रभा जी, साध्वी समाधिप्रभा जी एवं साध्वी ओजस्वीप्रभा जी ने सामूहिक जप-अनुष्ठान का संचालन किया। तेरापंथ युवक परिषद द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम अत्यंत सराहनीय रहा। कार्यक्रम में विभिन्न संघीय संस्थाओं के अध्यक्ष, मंत्री सहित समाज के अनेक गणमान्य महानुभावों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।