अणुव्रत से होता हित अहित का ज्ञान

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चेन्नई।

अणुव्रत से होता हित अहित का ज्ञान

अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के तत्वावधान में तथा अणुव्रत समिति, चेन्नई की आयोजना में नशा मुक्ति अभियान 'एलीवेट - एक्सपीरियंस द रियल हाई' कार्यशाला का आयोजन साध्वी उदितयशाजी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन, साहुकारपेट, चेन्नई में सम्पन्न हुआ। साध्वी उदितयशाजी ने कहा कि नशे का सबसे बड़ा परिणाम यह है कि व्यक्ति स्वयं का भान खो देता है। इसके कारण वह अपने माता-पिता एवं परिजनों का सम्मान नहीं करता और अपने संस्कारों से च्युत हो जाता है। गुरुदेव तुलसी ने 75 वर्ष पूर्व ही भांप लिया था कि समाज में नशे की कुरीतियाँ घर कर सकती हैं। इसलिए उन्होंने अणुव्रत रूपी महान अवदान दिया। यह ऐसा अभियान है जो व्यक्ति को अपने हित-अहित का ज्ञान कराता है। अणुव्रत से जुड़कर युवा पीढ़ी हित-अहित को समझ सकती है और नशा मुक्त रह सकती है। साध्वीश्री के आह्वान पर उपस्थित श्रावक समाज ने जीवन भर नशा मुक्त रहने का संकल्प स्वीकार कर रक्षाबंधन की महत्वपूर्ण भेंट प्रदान की। मुंबई से समगत पधारे अणुविभा राष्ट्रीय नशा मुक्ति अभियान संयोजक मुदित भंसाली ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि नशा करने से शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य दोनों प्रभावित होते हैं। रिश्तों में दरार आती है, आर्थिक हानि का सामना करना पड़ता है, कानूनी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं और सबसे अधिक समाज में अपमान सहन करना पड़ता है। अध्यक्षा सुभद्रा लुणावत ने स्वागत तथा मंत्री कुशल बाँठिया ने आभार ज्ञापित किया।