
संस्थाएं
अणुव्रत व्याख्यान माला का हुआ शुभारंभ
अणुव्रत व्याख्यान माला का जैन भवन, पीलीबंगा में भव्य शुभारंभ किया गया। यह आयोजन डॉ. मुनि विनोदकुमार जी के सान्निध्य में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण के साथ हुई, जिसमें अणुव्रत गीत का भावपूर्ण संगान राजकुमार छाजेड़ ने किया। इस अवसर पर मुनि विनोदकुमार जी ने अपने उद्बोधन में अणुव्रत आंदोलन के प्रवर्तक आचार्य श्री तुलसी को श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हुए अणुव्रत की उत्पत्ति, उद्देश्य और इसकी वर्तमान समाज में आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज के युग में जब नैतिक मूल्यों का क्षरण हो रहा है, अणुव्रत रूपी आचरण-संहिता मानव समाज के लिए एक उज्ज्वल मार्गदर्शक बन सकती है। अपने प्रवचन में मुनिश्री ने अणुव्रत के चारित्रिक व्यवहार पक्ष को कथात्मक शैली में सुंदर उदाहरणों सहित प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि अणुव्रत केवल व्यक्तिगत आत्मबल को नहीं, बल्कि सामाजिक सद्भाव और शांति को भी सुदृढ़ करता है।