51 साधकों ने की एकदिवसीय साधु-सम साधना

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किलपॉक, चेन्नई।

51 साधकों ने की एकदिवसीय साधु-सम साधना

भारतीय संस्कृति के उत्थान में सन्त महात्माओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वर्तमान युग में इस संत संस्कृति संवर्धन के सोद्देश्य भिक्षु निलयम, किलपॉक में मुनि मोहजीतकुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ युवक परिषद के तत्वावधान में तेरापंथ किशोर मंडल, किलपॉक के द्वारा A Day Like Monk का अनुठा आयोजन हुआ। जिसमें 51 सदस्यों ने भाग लेकर अपने आप को साधुचर्या से सम्बद्ध किया। प्रातःकाल सूर्योदय के साथ ही मुनि मोहजीतकुमार जी ने सभी साधकों को साधना की उपसम्पदाओं से संकल्पित करवाया। सभी साधक मुनि वेशभूषा में रहें। साधक संरक्षक ताराचंद बरलोटा ने संभागी साधकों को रजोहरण प्रदान किया। मुनि जयेशकुमार जी ने भगवान महावीर द्वारा उल्लेखित साधुचर्या की तरह सभी साधकों को पूर्ण जागरूकता के साथ पूरा दिन बिताने की प्रेरणा दी। उसके पश्चात उन्होंने 10 साधक लीडरों की नियुक्ति कर उनके साथ अन्य साधकों का नियोजन किया।
तेरापंथ युवक परिषद किलपॉक अध्यक्ष राकेश डोसी ने सभी का स्वागत एव अभिनंदन किया। मुख्य प्रवचन में मुनि मोहजीतकुमार जी ने कहा कि साधना के प्रति अंतर का भाव जागृत होने पर साधना फलीभूत हो जाती है। संभागी साधकों के साथ सब उपस्थित श्रावक समाज को विशेष पाथेय प्रदान करते हुए मुनिश्री ने कहा कि हमारी देव, गुरु, धर्म के प्रति श्रद्धा सघन हो, आस्था अटूट होने पर हम परम की प्राप्ति कर सकते है। संकल्पों से परिपूर्ण बनने से साधना शिखर चढ़ती है। आपकी की यह साधना एक दिन की ही नहीं, अपितु जीवन भर की बने। हर प्रवृत्ति में सजग रहें। वीतरागता की दिशा में आगे बढ़ें। साधना का सत्व बढ़ता रहे। प्रवचन के बाद तरंग ध्यान का प्रयोग करवाया गया। मध्याह्न में मुनि मोहजीतकुमार जी के केश लुंचन का दृश्य सभी साधकों ने अपनी आँखों से निहारा। संध्या गुरु वन्दना, प्रतिक्रमण, अर्हत वंदना के पश्चात A Journey of Being Monk उपक्रम में मुनि जयेशकुमार जी ने अपनी साधना यात्रा का वृत्तांत सुनाया। पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन में चित्र, वीडियो के साथ उनकी यात्रा को देखकर पूरी जनमेदिनी भाव विभोर हो गई। रात्रि 12 बजे तक अनेक साधकों ने मुनि जयेश कुमार जी के साथ अनुष्ठान आत्मनिरीक्षण, आत्मदर्शन के प्रयोग करने के पश्चात शयन किया। प्रातःकाल बह्म मुहूर्त में सभी ने रात्रिक प्रतिक्रमण कर गुरु वन्दना की। प्रतिलेखन के पश्चात सूर्योदय के समय मुनिप्रवर ने मंगल पाठ के साथ साधना परिसम्पन्नता की घोषणा की।
इस साधना क्रम में किशोर मंडल प्रभारी कुणाल परमार, सह प्रभारी हर्षित सेठिया, संयोजक हर्ष डूंगरवाल, सह संयोजक प्रथम कोठारी, संयम रायसोनी, दीक्षित सेठिया, विशाल सिंघी, तेजस चंडालिया इत्यादी किशोरों के साथ तेरापंथ सभा से अशोक आच्छा, चन्द्रप्रकाश बोथरा का विशेष योगदान रहा। धन्यवाद ज्ञापन मंत्री सुनील सकलेचा ने दिया। तेरापंथ सभा, तेयुप, महिला मंडल किलपॉक के कार्यकर्ताओं का श्रम नियोजित हुआ।