मजबूत चरित्र का निर्माण करती है ज्ञानशाला

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बोरावड़।

मजबूत चरित्र का निर्माण करती है ज्ञानशाला

तेरापंथ भवन, बोरावड़ के प्रांगण में ज्ञानशाला का वार्षिक समारोह बड़े ही हर्षोल्लास के साथ आयोजित किया गया। इस समारोह में ज्ञानार्थियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञानार्थियों ने 'अर्हम अर्हम की वंदना फले' गीतिका के संगान से किया। ज्ञानार्थियों ने A-Z letter एवं 1-10 counting पर एक प्रेरक कविता प्रस्तुत की जिसमें उन्होंने ईमानदारी, परोपकार और अहिंसा जैसे मूल्यों को दर्शाया। 'शासनश्री' साध्वी मधुरेखा जी ने कहा कि ज्ञानशाला सिर्फ धार्मिक शिक्षा का केंद्र नहीं है, बल्कि यह बच्चों में अच्छे संस्कार और एक मजबूत चरित्र का निर्माण करती है। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे बच्चों को नियमित रूप से ज्ञानशाला भेजें, ताकि वे पाश्चात्य संस्कृति के नकारात्मक प्रभावों से बच सकें।
बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिनमें नृत्य, कव्वाली, संवाद, नाटक और गीत शामिल थे। इन प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम में और भी चार चांद लगा दिए। साध्वी मधुयशा जी ने कार्यक्रम का संयोजन किया एवं ज्ञानशाला के बच्चों के लिए सुंदर गीतिका का संगान किया। ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओं द्वारा भावपूर्ण गीतिका का संगान किया गया। तेरापंथ सभा अध्यक्ष नेमीचंद गेलड़ा, सभा मंत्री गजेंद्र बोथरा, महिला मंडल अध्यक्षा भारती कोटेचा, तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष अमित भंडारी द्वारा अपने भावों की अभिव्यक्ति दी गई। पूर्व ज्ञानशाला प्रभारी सुनीता दुगड़ ने तथा वर्तमान प्रभारी भावना कोटेचा ने अपने भाव व्यक्त किए एवं सभी संस्थाओं के प्रति आभार व्यक्त किया एवं ज्ञानशाला बच्चों के प्रति मंगलकामना व्यक्त की।