संबोधि

स्वाध्याय

-आचार्यश्री महाप्रज्ञ

संबोधि

शरीर के साथ रंग का गहरा संबंध है। प्रत्येक व्यक्ति के शरीर के आस-पास रंग का एक आभामंडल है। उसमें अनेक रंग होते हैं। किसी के आभामंडल का रंग काला होता है, किसी के नीला और किसी के लाल और किसी के सफेद। अनेक वर्णों का भी होता है आभामंडल। आपकी आंखों को वे रंग नहीं दिखते। पर वे हैं अवश्य ही। ऐसा एक भी व्यक्ति नहीं होता जिसके चारों ओर आभा-मंडल न हो। इसका स्वयं पर भी असर होता है और दूसरों पर भी असर होता है। आप किसी व्यक्ति के पास जाकर बैठते हैं। बैठते ही आपके मन में एक परिवर्तन होता है। लगता है कि आपको अपूर्व शांति का अनुभव हो रहा है। आप का मन आनंदित है और अन्दर ही अन्दर एक संगीत चल रहा है। आप किसी दूसरे व्यक्ति के पास जाकर बैठते हैं। अकारण ही उदासी छा जाती है। मन उद्विग्न हो जाता है। मन में क्षोभ और संताप उत्पन्न हो जाता है। वहां से उठने की शीघ्रता होती है। यह सब क्यों होता है? भिन्न-भिन्न व्यक्तियों के पास बैठ कर हम भिन्न-भिन्न भावनाओं से आक्रांत होते हैं। यह सब क्यों और कैसे होता है? इसका कारण है व्यक्ति व्यक्ति का आभामंडल आभावलय। सामने वाले व्यक्ति का जैसा आभामंडल होता है, आभा-वलय होता है, उसके रंग होते हैं, वे पास वाले व्यक्ति को प्रभावित करते हैं। व्यक्ति चाहे या न चाहे वह उन रंगों से प्रभावित अवश्य होता है। जिस व्यक्ति का आभामंडल श्वेत वर्ण का है, नीले वर्ण का है, पीले वर्ण का है, उसके पास जाकर बैठते ही मन शांत हो जाता है। मन शांति से भर जाता है। उद्विग्नता मिट जाती है। प्रसन्नता से चेहरा खिल उठता है। जिसका आभामंडल विकृत है, कृष्णवर्ण के पुद्गलों से निर्मित है तो उस व्यक्ति के पास जाते ही अकारण ही चिंता उभर आती है, उदासी छा जाती है, मन उद्विग्नता से भर जाता है और ईर्ष्या, द्वेष, बुरे विचार मन में आने लगते हैं। इससे स्पष्ट है कि रंग हमें प्रभावित करते हैं।
आधुनिक वैज्ञानिक रंग के सात प्रकार मानते हैं-लाल, हरा, पीला, आसमानी, गहरा नीला, काला और हल्का नीला। उसके अनुसार रंग मौलिक नहीं है। यह सात रंगों के एकीकरण से बनता है।रंगों का प्राणी-जीवन के साथ गहरा संबंध है। ये हमारे शरीर तथा मानसिक विचारों को भी प्रभावित करते हैं। लेश्या के सिद्धांत द्वारा इसी भावना की व्याख्या की गई है। वैज्ञानिक परीक्षणों के द्वारा रंगों की प्रकृति पर काफी प्रकाश डाला गया है। देखिये–

नाम
लाल
नारंगी
लाल नारंगी
पीला

हल्का गुलाबी
प्रकृति
गर्म
गर्म
बहुत गर्म
गर्म किन्तु लाल नारंगी से कम
गर्म

नाम
बादामी
हरा
नीला

गहरा नीला या आसमानी
शुभ्र
प्रकृति
गर्म
गर्म
न अधिक गर्म, न अधिक ठंडा
ठंडा

न गर्म, न ठंडा
इनमें नारंगी लाल रंग के परिवार का रंग है। बैंगनी और जामुनी रंग नीले रंग के परिवार के हैं।