
रचनाएं
महामंगलम
दीपा के नंदनम्, शत शत लो वंदनम्।
पुण्य शाली हो तुम, हो महा मंगलम्।।
ज्योति अवतार बन धरती पे तुम आए,
तेरी ज्योति से हम सब शांति पाए।
मानवता के मसीहा प्रभु क्षेमंकरम्।।
तेरापंथ का आह्वान विश्व में है छाया,
देश विदेशों में इसको है अपनाया।
आगम वाणी के ज्ञाता श्रुत ज्ञानेश्वरम्।।
कितने कष्टों को स्वामीजी ने सहा,
विरोधों और संघर्षों का प्रवाह बहा।
हर स्थिति में सम रहे प्रभु हृदयेश्वरम्।।
युगों युगों तक गूंजे तेरी विरुदावली,
चरण कमल में अर्पण है श्रद्धांजलि।
ॐ भिक्षु जय भिक्षु मंत्र विघ्नशमनम्।।
अधरों पे भिक्षु हैं आंखों में भिक्षु हैं
हर कठिनाई में सहारा भिक्षु ही हैं
'मुनि काव्य' के रग रग में बाबा भिक्षु स्मरणम्।।
लय - कौन कहते हैं भगवान आते नहीं