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संस्कार निर्माण की फैक्ट्री है ज्ञानशाला
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में ज्ञानशाला दिवस का भव्य आयोजन जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा (कोलकाता पूर्वांचल) ट्रस्ट द्वारा भिक्षु विहार में आयोजित हुआ। ज्ञानशाला दिवस कार्यक्रम में बृहत्तर कोलकाता के लगभग 332 ज्ञानार्थी व 126 प्रशिक्षिकाओं ने सहभागिता दर्ज की। अच्छी संख्या में श्रद्धालुओं ने भी सहभागिता दर्ज की। 'ज्ञानशाला- संस्कारशाला' विषय पर उपस्थित धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा – सुसंस्कार हमारे जीवन की धरोहर हैं। सुसंस्कार सफलता की चाबी हैं। संस्कारविहीन जीवन बंजर भूमि जैसा होता है। अच्छे संस्कारों से हमारे विचारों में हिमालय सी ऊंचाई, चिंतन में सागर सी गहराई और आचार-व्यवहार में पवित्रता आती है। अच्छे संस्कारों से विवेक चेतना जागृत होती है और चरित्र उज्ज्वल होता है। अच्छे संस्कारों का निर्माण ज्ञानशाला में किया जाता है। ज्ञानशाला संस्कार निर्माण की फैक्ट्री है।
उन्होंने आगे कहा – ज्ञानशाला आचार्य श्री तुलसी की देन है। वर्तमान में आचार्य श्री महाश्रमण जी के मार्गदर्शन में देश भर में हजारों-हजारों बच्चे ज्ञानशाला के माध्यम से अच्छे संस्कार ग्रहण कर रहे हैं। इस अवसर पर मुनि कुणाल कुमार जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। महासभा के पूर्व अध्यक्ष सुरेश गोयल, आंचलिक संयोजिका डॉ. प्रेमलता चोरड़िया एवं तेरापंथी सभा पूर्वांचल के अध्यक्ष संजय सिंघी ने ज्ञानशाला दिवस के संदर्भ में अपने विचार व्यक्त किए। ज्ञानार्थियों ने ज्ञानशाला गीत प्रस्तुत किया। प्रशिक्षिकाओं के मंगल संगान से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। सानवी नाहटा ने सुमधुर गीत प्रस्तुत किया और नन्ही ज्ञानार्थी चहल सेठिया ने सभी को संकल्प कराए।
आभार ज्ञापन सभा के सहमंत्री आलोक बरमेचा ने किया तथा संचालन मुनि परमानंद जी ने किया। इस अवसर पर आचार्य भिक्षु जीवन चरित्र एवं दृष्टांतों पर पूर्वांचल, साउथ कोलकाता, साउथ हावड़ा, उत्तर हावड़ा, टॉलीगंज, बेहाला, साल्ट लेक, उत्तर-कोलकाता, मध्य-उत्तर कोलकाता, हिंदमोटर, लिलुआ, बाली-बेलूर, उत्तरपाड़ा की ज्ञानशालाओं के ज्ञानार्थियों द्वारा रोचक एवं बोधप्रद लघु नाटिकाएं प्रस्तुत की गईं।
कार्यक्रम से पूर्व ज्ञानशाला रैली का आयोजन किया गया। बच्चों द्वारा निर्दिष्ट कलाकृतियों की प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। द्वितीय सत्र में क्विज़ आयोजित हुई और तृतीय सत्र में बच्चों को मुनि जिनेश कुमार जी द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। क्षेत्रीय संयोजिका गुलाब चोरड़िया व पूर्वांचल ज्ञानशाला संयोजक प्रवीण पगारिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम को सफल बनाने में पूर्वांचल सभा, ज्ञानशाला टीम, तेरापंथ महिला मंडल और तेरापंथ युवक परिषद के कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा। प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया।