उत्कर्ष से करें शिखर का स्पर्श

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बालोतरा।

उत्कर्ष से करें शिखर का स्पर्श

‘शासनश्री’ साध्वी सत्यप्रभाजी एवं साध्वी अणिमाश्रीजी के सान्निध्य में अभातेयुप के तत्वावधान में तेयुप बालोतरा द्वारा तेरापंथ भवन के विशाल हॉल में मेवाड़ मारवाड़ स्तरीय दायित्व बोध सम्मेलन 'उत्कर्ष' का आयोजन विशाल युवा उपस्थिति में किया गया। शासन श्री साध्वी सत्यप्रभाजी ने अपने उद्‌बोधन में कहा- आज का दायित्व बोध सम्मेलन सबके भीतर दायित्व चेतना को जागृत करने वाला है। दायित्व को समझने वाला व्यक्ति ही अपने जीवन में उत्कर्ष कर सकता है। उत्कर्ष चाहता तो हर व्यक्ति है पर उत्कर्ष के सोपान पर आरोहण करना होगा तभी हम शिखर का स्पर्श कर पाएगें। श्रद्धा, भक्ति, समर्पण, श्रमनिष्ठा, लक्ष्यबद्धता जागरुकता, और ऊंची सोच ही ऐसे सोपान हैं जिन पर चढ़‌कर हम अपने जीवन में उत्कर्ष के गीत गुनगुना सकते हैं। साध्वी श्री ने कहा हमारे युवा आचार्य भिक्षु को समझे। तेरापथ दर्शन को समझकर अपने जीवन में ज्ञान का ठोस धरातल दें। साध्वी अणिमाश्रीजी प्रबुद्ध, चिंतनशील एवं नए-नए कार्यक्रमों की संयोजना करने वाली है। उन्होंने अपनी कार्यशैली से बालोतरा में अच्छी हलचल पैदा की है।
साध्वी अणिमाश्रीजी ने अपने उद्‌बोधन में कहा- युवा उत्साह का पर्याय है। शक्ति का जीवन्त रूप है। साहस की दीपशिखा है। युवा आत्मविश्वास की मशाल हाथ में लेकर जिस पथ पर बढ़ जाता है, वहां रोशनी की मीनारें खड़ी कर देता है। युवा वह होता है, जो बंजर धरती पर गुलाब की पौध लगा सकता है यानि उसके शब्द‌कोश में असंभव जैसा कोई शब्द नहीं है। अगर वह ठान ले तो पत्थर को फोड़‌कर भी पानी निकाल सकता है। युवा-वर्ग उत्कर्ष के पथ पर गतिशील हो। संस्कारों का उत्कर्ष, संघभक्ति व गुरुभक्ति का उत्कर्ष हो। संघ हमारी आन-बान और शान है। गुरु हमारे ऊर्जास्रोत है। गुरु द्वारा प्रदत्त ऊर्जा हमारे जीवन में उत्कर्ष के स्वस्तिक उकेर सकती है। साध्वीश्री ने कहा- आज हमारे समाज में संस्कारों का ग्राफ नीचे जा रहा है। संस्कारों मे उत्कर्ष की महनीय अपेक्षा है। होटल रिसोर्ट की संस्कृति जैसे-जैसे पाँव पसार रही है, वैसे-वैसे बुराइयां हमारे समाज में हावी हो रही है। नशे का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। नशे की गिरफ्त से जकड़ा युवा नाश के कगार पर खड़ा है। जीवन में विकास के प्रगति के द्वार उद्‌घाटित करने है तो नशे को दूर से ही नमस्कार कहना होगा। संस्कारों का दामन थामना होगा। साध्वीश्री ने कहा आज कन्याओं में, किशोरों में, युवाओं में हुक्के का प्रचलन बढ़ रहा है, यह हमारी संस्कृति नहीं है, इसलिए कम से कम युवा-वर्ग हुक्के का त्याग करें। साध्वीश्री की प्रेरणा से सैकड़ों युवाओं ने हुक्के का त्याग किया।
साध्वी कर्णिकाश्रीजी ने कहा- अपने संकल्प के महादेवता को जगाकर जीवन की महफिल में उत्कर्ष के दीप जलाए। साध्वी ध्यानप्रभाजी ने युवाओं को कहा - सिर्फ भौतिक उत्कर्ष नहीं आत्मोत्कर्ष की ओर बढकर जीवन को सफल बनाएं। डॉ. साध्वी सुधाप्रभाजी ने कहा- उत्कर्ष हो सकारात्मक सोच का, संयम का, प्रेम, प्रमोद‌ भावना का जो आपके व्यक्तित्व को विशिष्टता प्रदान करेगा। साध्वी समत्वयशाजी एवं साध्वी श्रुतप्रभाजी ने मंगल संगान किया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश डागा ने अपने वक्तव्य में कहा- मेरे कार्यकाल के अब कुछ ही दिन शेष रहे हैं। कार्यकाल के अंतिम समय में बालोतरा तेयुप ने शानदार कार्यक्रम आयोजित किया है। आज की उपस्थिति मुझे लगता है साध्वी अणिमाश्रीजी के श्रम व प्रेरणा की सुंदर निष्पत्ति है। साध्वी अणिमाश्रीजी का असीम वात्सल्य व मार्गदर्शन मिला है। आपकी विशिष्ट कार्यशैली से प्रभावित होकर अनेक युवा धर्मसंघ से जुड़े हैं एवं संघ को अपनी विशेष सेवाएं दे रहे हैं। आपकी कर्मजा शक्ति हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती रहे। ‘शासनश्री’ साध्वी सत्यप्रभाजी ने भी हमारे चेन्नई में चातुर्मास किया है। आपश्री ने यहां पधारकर हमारे भीतर नई ऊर्जा का संचरण किया है।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पवन मांडोत ने व्यवसायिक उत्कर्ष की दृष्टान्तों के माध्यम से सामाजिक चर्चा कर परिषद को व्यवसाय के नए सूत्र दिए। उपाध्यक्ष जयेश मेहता ने सामाजिक उत्कर्ष की बड़ी सटीक व्याख्या की जिन्हें सुनकर परिषद रोमांचित हो गई। कार्यकारिणी सदस्य एवं बालोतरा प्रभारी कैलाश तातेड, संदीप ओस्तवाल, रोशन वागरेचा, रौनक श्रीश्रीमाल, जसवन्त गोगड़ ने अपने भावों की प्रस्तुति दी। किशोर मंडल द्वारा उत्कर्ष अर्थयान (शिखर का करें स्पर्श) की बहुत सुंदर प्रस्तुति दी। तेयुप बालोतरा अध्यक्ष संदीप रेहड़ ने स्वागत अभिनन्दन करते हुऐ अपने वक्तव्य की प्रस्तुति दी। अभातेयुप के पदाधिकारियों एवं बालोतरा तेयुप टीम और सदस्यों ने उत्कर्ष-गीत की शानदार प्रस्तुति देकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। तेयुप स्वर संगम के गीतकारों ने विजयगीत की सुमधुर प्रस्तुति दी। गायक प्रकाश श्रीश्रीमाल ने गीत की प्रस्तुति दी। श्रावक निष्ठापत्र का वाचन राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश डागा ने किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश डागा ने MBBD (मेगा ब्लड डोनेशन) की चर्चा करते हुए युवाओं की जिज्ञासा को सरल ढंग से समाहित किया।
प्रायोजक परिवार पारसमल जसवन्त कुमार राहुलकुमार सिद्धार्थ कुमार गोगड़ परिवार का तेयुप बालोतरा की ओर से सम्मान किया गया। तेयुप बालोतरा की पूरी टीम ने राष्ट्रीय अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं कार्यकारणी सदस्यों का सम्मान किया। साथ ही मेवाड़ मारवाड़ से समागत उन्नीस तेयुप परिषदों का मोमेंटो प्रदान कर सम्मान किया गया। प्रथम चरण कार्यक्रम का सफल संचालन साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने किया। द्वितीय चरण का संचालन तेयुप मंत्री राजेंद्र वेदमूथा एवं उपाध्यक्ष नवीन सालेचा ने किया।