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मासखमण तप अनुमोदन समारोह
किलपॉक, चेन्नई। तेरापंथ भवन में अंजलि मुकेश परमार के 29 दिवसीय तप की अनुमोदना का भव्य समारोह आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ अनुमोदन गीत से हुआ। मुनि मोहजीत कुमारजी ने अपने उद्बोधन में कहा कि तप आत्मशुद्धि एवं संघ की वृद्धि का महान आधार है। मोक्ष मार्ग में गतिमान होने के चार साधनों में से एक प्रमुख साधन तप है। तपस्या शरीर, मन और भाव शुद्धि का माध्यम बनकर साधक को कर्म निर्जरण की ओर ले जाती है। मुनि भव्यकुमारजी ने कहा कि तप आत्मबल और साधना का प्रथम सोपान है, जिसके माध्यम से मोक्षगति की ओर प्रस्थान किया जा सकता है।
मुनि जयेशकुमारजी ने तप के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि निराहार रहकर साधक अपनी अंतरात्मा की शक्ति को पहचानता है और यही तपस्या की महत्ता है। इस अवसर पर मुनि जयेशकुमारजी ने गीत के माध्यम से अनुमोदना व्यक्त की। तेरापंथ महिला मंडल, परमार परिवारजन एवं सभा के पदाधिकारियों ने भी गीतिकाओं द्वारा मंगलभावना प्रकट की। तेरापंथ सभा मंत्री विजय सुराणा, तेयुप मंत्री सुनील संकलेचा सहित अनेक श्रावक-श्राविकाओं ने तपस्विनी का अभिनंदन किया और इस तपस्या की अनुमोदना की।