मानवता के मसीहा थे आचार्यश्री तुलसी

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मानवता के मसीहा थे आचार्यश्री तुलसी

बोइनपल्ली
आचार्यश्री तुलसी के जन्म दिवस पर अपने उद्गार व्यक्‍त करते हुए साध्वी मधुस्मिता जी ने कहा कि आचार्यश्री तुलसी का व्यक्‍तित्व विविधताओं का अपूर्व संगम था। वेशभूषा में जैन मुनि, अणुव्रत के संदेशवाहक होने से मानवता के मसीहा, धर्म क्रांति के सूत्रधार होने से युग प्रवर्तक, सांप्रदायिक एकता के संगायक होने से ईसा मसीह, महान दार्शनिक के रूप में आधुनिक सुकरात, संपूर्ण जीव जगत के साथ भावनात्मक रिश्ते कायम करने वाले करुणामय बुद्ध तथा वीतरागी चेतना के प्रतीक महावीर के रूप में जन-जन की नजरों में रूपायित किया। साध्वी भावयशा जी ने सुमधुर गीत व साध्वी सहजयशा जी ने श्रद्धा समर्पित विचारों की प्रस्तुति दी। विनोद वैद ने स्वागत भाषण दिया। संपतमल नौलखा, महासभा की ओर से मुकेश सुराणा, सभामंत्री सुशील संचेती, तेयुप मंत्री वीरेंद्र घोषल, टीपीएफ की ओर से नवीन सुराणा, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष प्रकाश भंडारी, महिला मंडल अध्यक्ष अनीता गीडिया ने विचार रखे। लाडनूं की ओर से सतीश दुगड़ व सरिता दुगड़ ने सहसंगान किया। कार्यक्रम का मंगलाचरण श्‍वेता बैंगाणी, ममता दुगड़ एवं रत्ना दुगड़ ने किया। आभार ज्ञापन राकेश धाड़ेवा ने किया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी स्वस्थप्रभा जी ने किया।