व्यक्तित्व के धनी आचार्यश्री तुलसी
सिकंदराबाद
तेरापंथ भवन में शासनश्री साध्वी जिनरेखा जी के सान्निध्य में आचार्यश्री तुलसी का जन्म दिवस अणुव्रत दिवस के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महिला मंडल के गीत से हुआ। साध्वीश्री जी ने कहा कि आचार्यश्री तुलसी जन्म से महान थे। आचार्यश्री तुलसी संपूर्ण श्रमण परंपरा के अद्वितीय तेज पुंज थे। आपके तेजस्वी, ओजस्वी, वर्चस्व व्यक्तित्व ने जैन धर्म को व्यापकता प्रदान की।
महिला मंडल, ज्ञानशाला, तेयुप, अणुव्रत आदि अनेक संस्थाओं के रूप में धर्मसंघ को अवदान दिए। तेरापंथ धर्मसंघ में विकास के नव द्वार खुले। साध्वी मधुरयशा जी, साध्वी श्वेतप्रभा जी ने कविता प्रस्तुत की। साध्वी धवलप्रभा जी, साध्वी मादर्वयशा जी ने अपने उद्गार व्यक्त किए। राजकुमार सांखला ने गीत की प्रस्तुति दी। तेरापंथी सभा के अध्यक्ष सुरेश सुराणा ने स्वागत भाषण में सबका अभिनंदन किया। संपत नौलखा, बाबूलाल सुराणा, ज्ञानशाला आंचलिक संयोजिका अंजु बैद, टीपीएफ के अध्यक्ष मोहित बैद, महिला मंडल अध्यक्षा अनिता गीडिया, जैन सेवा संघ के अध्यक्ष अशोक बरमेचा ने अपने विचार व्यक्त किए। मंजु सुराणा और शांता बैद तथा कन्या मंडल की कन्याओं ने गीत की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में हिंदी मिलाप से संपादिका सरिता बैद व वार्ता हिंदी के संपादक धीरेंद्र प्रताप भी उपस्थित थे एवं जैन तेरापंथ ट्रस्ट की ओर से मनोज दुगड़ की उपस्थिति रही। आभार ज्ञापन मंत्री सुशील संचेती ने किया। कार्यक्रम का संचालन लक्ष्मीपत बैद और सहमंत्री राकेश सुराणा ने किया।