अणुव्रत दिवस पर कार्यक्रम एवं कार्यशाला
पेटलावद
मुनि वर्धमान कुमार जी के सान्निध्य में आचार्यश्री तुलसी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम व कार्यशाला आयोजित हुई। मुनि वर्धमान कुमार जी ने कहा कि आचार्यश्री तुलसी 22 वर्ष की युवा अवस्था में आचार्य पद पर सुशोभित हो गए और धर्मसंघ को संभाला। आचार्यश्री का आचार्य काल बहुत लंबा रहा। हमें उनके गुणों को जीवन में अपनाने का प्रयास करना चाहिए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रतलाम-झाबुआ, अलीराजपुर क्षेत्र के सांसद गुमानसिंह डामोर ने कहा कि व्रत वह जो आत्मा और बुराई के बीच दीवार बनकर खड़ा रहता है। आचार्य तुलसी अद्भुत व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने जीवन भर विश्व-शांति और भाईचारे का संदेश दिया। कार्यक्रम के दौरान तेयुप, पेटलावद द्वारा युवा और अणुव्रत विषय पर आयोजित कार्यशाला में सूरत से समागत मुख्य वक्ता, अणुविभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष युवा गौरव राजेश सुराणा ने कहा कि जहाँ अनुशासन, विनम्रता, अध्यात्म, संविभाग, समर्पण, श्रम और तेजस्विता है, इन सारे गुणों के समुच्चय का नाम हैतेरापंथ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सांसद गुमानसिंह डामोर का तेरापंथ सभा पेटलावद की ओर से सभाध्यक्ष विनोद भंडारी व मंत्री लोकेश भंडारी द्वारा मोमेंटो भेंट कर सम्मान किया गया। युवा गौरव राजेश सुराणा का तेयुप उपाध्यक्ष पंकज मूणत, मंत्री महेश भंडारी व अभातेयुप जेटीएन प्रतिनिधि पंकज पटवा ने तथा सांसद प्रतिनिधि राजेश कांसवा का तेयुप अध्यक्ष रूपम पटवा व प्रदीप पालरेचा द्वारा दुपट्टा ओढ़ाकर व साहित्य भेंट कर सम्मान किया।
मंगलाचरण कन्या मंडल व महिला मंडल की बहनों ने संयुक्त रूप से किया। स्वागत भाषण तेरापंथी सभा अध्यक्ष विनोद भंडारी ने किया। अतिथि परिचय अभातेयुप क्षेत्रीय सहयोगी व स्थानीय तेयुप अध्यक्ष रूपम पटवा ने किया। संचालन फूलचंद कांसवा व आभार तेरापंथी सभा के मंत्री लोकेश भंडारी ने किया। मुनि वर्धमान कुमार जी ने नेहा मयंक भंडरी को 31 उपवास की दीर्घ तपस्या का प्रत्याख्यान करवाया।