आचार्य भिक्षु ने कष्टों पर समता भाव से प्राप्त की विजय

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बायतु।

आचार्य भिक्षु ने कष्टों पर समता भाव से प्राप्त की विजय

स्थानीय तेरापंथ भवन में 'शासनश्री' साध्वी जिनरेखा जी के सान्निध्य में सम्यक् दर्शन कार्यशाला आयोजित की गई। तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष गौतम चौपड़ा ने जानकारी दी कि अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद एवं समण संस्कृति संकाय के संयुक्त तत्वावधान में तेयुप बायतु द्वारा साध्वीश्री के सान्निध्य में 15 दिवसीय सम्यक दर्शन कार्यशाला का आयोजन किया गया जो कि तेरापंथ के आद्य प्रवर्तक आचार्य भिक्षु के आचार-विचार, सिद्धांतों पर आधारित 'शासन गौरव मुनि बुद्धमल जी द्वारा लिखित पुस्तक पर आधारित है।
इस अवसर पर साध्वी जिनरेखा जी ने कहा आचार्य भिक्षु के जीवन में अनेक कष्ट आए लेकिन उन्होंने उन कष्टों पर समता भाव से विजय प्राप्त कर नव युगदृष्टा बने। यह कार्यशाला आचार्य भिक्षु के जीवन के सभी दृष्टांतों को समाहित करती हुई उनके जीवन का सजीव चित्रण करती है। एक आचार्य, एक आचार, एक विचार और एक सामाचारी जैसे मूल्यों से तेरापंथ को उन्होंने अन्य सभी धर्मसंघों के लिए अनुकरणीय बना दिया। साध्वीश्री ने कहा कि आचार्य भिक्षु दूरदर्शी सोच के धनी थे। सादा जीवन उच्च विचार को अपनाकर कषाय रूपी क्रोध, मान, माया, लोभ जैसी प्रवृत्तियों पर विजय प्राप्त कर व्यक्ति अपने जीवन को सारगर्भित बना कर सफल बना सकता है। संयोजक मनोज चौपड़ा एवं प्रज्ञा जैन ने जानकारी दी कि कार्यशाला को रोचक बनाने के लिए प्रतिदिन प्रश्नोत्तर के माध्यम से विद्यार्थियों के ज्ञान को परखा गया एवं प्रतिदिन पारितोषिक वितरण किया गया। कार्यशाला में तेरापंथी सभा अध्यक्ष राकेश जैन, तेयुप अध्यक्ष गौतम चौपड़ा, महिला मंडल अध्यक्ष अनिता जैन सहित अच्छी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने कार्यशाला में भाग लिया।