आचार्यश्री तुलसी का जन्मोत्सव
इंदौर
आचार्यश्री तुलसी के 108वें जन्मोत्सव पर मुनि कमल कुमार जी ने कहा कि हम परम सौभाग्यशाली हैं, जिन्हें इस कलिकाल में भी जैन धर्म और तेरापंथ धर्मसंघ मिला। गुरुदेव श्री तुलसी ने इस संघ की गरिमा-महिमा जो बढ़ाई है उसे युग नई शताब्दियों तक स्मरण करता रहेगा। आज जो हम तेरापंथ धर्मसंघ का सारे जैन समाज में मान-सम्मान देख रहे हैं, यह आचार्यश्री तुलसी के सुश्रम का ही प्रताप है, इन्होंने अणुव्रत आंदोलन चलाकर देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति जैसे महान व्यक्तित्व को प्रभावित किया। देश-विदेश में तेरापंथ की विस्तृत चर्चा हुई। तेयुप, महिला मंडल, अणुव्रत समिति, कन्या मंडल, ज्ञानशाला, समणश्रेणी आदि-आदि अनेक आयाम हैं, जो उत्तरवर्ती आचार्यों के प्रोत्साहन से सभी आयाम निरंतर गतिमान हैं। इस अवसर पर कई प्रकार के त्याग-प्रत्याख्यान का क्रम भी चला। मुनि अमन कुमार जी, मुनि नमि कुमार जी, निलेश रांका, निलेश पोखरना, अजीत जैन, मनोज सुराणा आदि अनेक सदस्यगणों ने भी अपने गीत एवं उद्गारों द्वारा अपने श्रद्धासिक्त भाव प्रकट किए। इस अवसर पर अभिग्रह धारी तपस्वी राजेश मुनि ने भी अपने विचार प्रकट करते हुए उनके कार्यों की सराहना की।