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मनोबल से सम्भव है तपस्या
तेरापंथ भवन में आयोजित मासखमण तप अभिनंदन के अवसर पर प्रोफेसर साध्वी मंगलप्रज्ञा जी ने कहा कि बहन विस्मिता डोशी ने अठाई तप का संकल्प किया था। हमने उन्हें तप मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी और आज वे मनोबल के साथ मासखमण साधिका के रूप में उपस्थित हैं। शरीर भले ही दुर्बल रहा हो, लेकिन उन्होंने अपना मनोबल दृढ़ बनाए रखा। प्रायः वे दर्शन और प्रत्याख्यान के लिए निरंतर आती रही हैं। साध्वीश्री ने कहा कि विस्मिता ने वास्तव में विस्मित करने वाला कार्य किया है। यह उल्लेखनीय है कि वाव के डोशी परिवार में यह पहला मासखमण तप है। प्रबल आत्मबल और मनोबल से उन्होंने अपना लक्ष्य पूर्ण कर लिया है। पारिवारिक जनों ने तप अभिनंदन गीत का संगान किया। जिग्नेश भाई और यश सिंघवी ने तपस्विनी बहन को शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर साध्वी प्रमुखाश्री जी द्वारा प्रदत्त संदेश का वाचन तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष नमन मेड़तवाल ने किया।
तेरापंथ सभा अध्यक्ष हजारीमल भोगर ने तप अभिनंदन पत्र का वाचन किया। साध्वी सुदर्शनप्रभाजी, साध्वी अतुलयशा जी और साध्वी शौर्यप्रभा जी ने सामूहिक संगान कर तप अनुमोदन किया।मासखमण साधिका विस्मिता बेन ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए साध्वीश्री एवं परिजनों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। ांदिवली से समागत तेयुप अध्यक्ष शक्ति सिंघवी ने साध्वीश्री के कांदिवली चातुर्मास को अविस्मरणीय बताया। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की पूर्व अध्यक्षा शांता पुगलिया ने तपस्विनी बहन के तप की अनुमोदना की। सभा मंत्री महेंद्र गांधी मेहता ने भी विचार व्यक्त किए। तेरापंथ सभा द्वारा तपस्विनी विस्मिता बहन का सम्मान किया गया।