संस्थाएं
32वें विकास महोत्सव पर सजीव हुयी आचार्य श्री तुलसी की स्मृतियां
साध्वी पुण्ययशा जी के सान्निध्य में विकास महोत्सव का आयोजन हुआ। साध्वीश्री ने अपने उद्बोधन में कहा– ज्ञान, दर्शन, चारित्र से संघ का विकास शिखरों पर चढ़ा है। तेरापंथ के आचार्यों ने विकास का सुदीर्घ इतिहास बनाया। जिसमें आचार्य तुलसी ने अनेक अवदान दिए। आचार्य तुलसी ने अपने व्यक्तित्व और कर्तृत्व से संघ को जो दिया उसे शताब्दियों तो क्या सहशत्राब्दियों तक भी नहीं भूलाया जा सकता है। कार्यक्रम का मंगलाचरण साध्वी वर्धमानयशाजी ने किया। साध्वी बोधिप्रभा जी ने वक्तव्य के द्वारा अपने भावों की प्रस्तुति दी। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष राकेश छाजेड़, पूर्वाध्यक्ष कमलसिंह दूगड़, तेयुप से महेश मांडोत, तेममं से पूर्व अध्यक्षा लता बाफना ने अपने भावों को प्रस्तुत किया। तपस्वी राजेश छाजेड़ के नौ की तपस्या और भाई विपुल पितलिया के कंठी तप की अनुमोदना एवं अभिनन्दन किया गया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी विनीतयशाजी ने किया।