32वें विकास महोत्सव पर सजीव हुयी आचार्य श्री तुलसी की स्मृतियां

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32वें विकास महोत्सव पर सजीव हुयी आचार्य श्री तुलसी की स्मृतियां

मुनि डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार जी, मुनि रमेश कुमार जी के सान्निध्य एवं तेरापंथी सभा के तत्वावधान में तेरापंथ धर्मस्थल में विकास महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। विकास महोत्सव समारोह में पूर्वांचल के सात राज्यों के 21 क्षेत्रों के सैकड़ों भाई-बहिनों ने भाग लिया। विकास महोत्सव समारोह को संबोधित करते हुए मुनि डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार जी ने कहा कि आचार्य श्री तुलसी विकास के पर्याय थे। शिक्षा, साधना, साहित्य, कला, प्रचार - प्रसार हर क्षेत्र में तेरापंथ को नई ऊंचाइयां प्रदान की। मुनिश्री ने तपस्वियों को अपना आशीर्वचन प्रदान करते हुए कहा कि अपने जीवन में इसी तरह तपस्या के क्षेत्र में आगे बढ़ते रहें। मुनि रमेश कुमार जी ने कहा कि विकास के पुरोधा आचार्य तुलसी ने धर्मसंघ को अनेक आयाम दिए। तेरापंथ धर्मसंघ के विकास के तीन मौलिक आधार हैं - अनुशासन, अध्यात्म और अप्रमाद। इसके आधार पर ही इस धर्मसंघ ने विकास किया है। अनुशासन के बिना विकास की प्रक्रिया को सुनियोजित ढंग से आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। मुनि रत्न कुमार जी ने विकास पुरुष आचार्य श्री तुलसी को नमन करते हुए इस चातुर्मास काल में संपूर्ण समाज से तप यज्ञ में आहुति प्रदान करने का आह्वान किया। इस अवसर पर मीनू नाहटा के 9, नवविवाहित राहुल - नेहा नाहटा के सजोड़े अठाई एवं सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन जम्मड़ के 7 की तपस्या के उपलक्ष्य पर तपोभिनंदन समारोह का भी आयोजन किया गया। तेरापंथी सभा, गुवाहाटी की ओर से साहित्य एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर तपस्वी भाई-बहनों के तप की अनुमोदना की गई। तपस्विनी भाई-बहनों के पारिवारिक जनों की ओर से सभा के मंत्री राजकुमार एवं प्रमोद बैद ने सुंदर गीतिका के माध्यम से तप की अनुमोदना की। नन्हीं बच्ची रक्षिता नाहटा ने अपने वक्तव्य से उपस्थित परिषद को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का कुशल संचालन मुनि पद्म कुमारजी ने किया। राजेश जम्मड़ ने तपस्विनी बहनों का परिचय दिया। तेरापंथ महिला मंडल द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण से आरंभ कार्यक्रम में तेरापंथी सभा के अध्यक्ष बाबूलाल सुराणा ने समारोह में उपस्थित महानुभावों का स्वागत-अभिनंदन किया। महासभा के उपाध्यक्ष बसंत कुमार सुराणा, प्रांतीय सभा के अध्यक्ष बजरंग कुमार सुराणा, तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष विकास नाहटा, अणुव्रत समिति की मंत्री रंजना बरड़िया, धुबड़ी से श्री विमल ओसवाल, जोरहाट से श्री छत्तरसिंह चौरड़िया, लखीमपुर, नाहरलगुन से छत्तरसिंह गिड़िया, इटानगर, आलोंग, हवाजान से लक्ष्मी गिड़िया, शिलोंग (मेघालय) सभा के मंत्री विनोद सुराणा, डिमापुर (नागालैंड) से अशोक जैन, धींग से पृथ्वीराज छाजेड़, नगांव से जीवनमल सुराणा, खारुपेटिया से दीपक हीरावत, तेजपुर से सुरेश धारीवाल, डिफू से सुरेंद्र भरूंठ, बरहोला से तेजकरण पिंचा, बंगाईगांव (साउथ) से सरोज सिंघी ने अपने-अपने वक्तव्य दिए। इसके अलावा मानकाचर, नलबाड़ी, मरियानी, टिहू, ढेकियाजुली एवं बरपेटारोड से भी श्रावक-श्राविका समागत हुए। धन्यवाद ज्ञापन सभा के वरिष्ठ सहमंत्री राकेश जैन ने किया।