223वाँ आचार्य श्री भिक्षु चरमोत्सव के उपलक्ष्य में विविध आयोजन

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पूर्वांचल, कोलकाता

223वाँ आचार्य श्री भिक्षु चरमोत्सव के उपलक्ष्य में विविध आयोजन

भिक्षु चेतना वर्ष के द्वितीय चरण में 223वाँ आचार्य भिक्षु चरमोत्सव समारोह का भव्य आयोजन जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा (कोलकाता-पूर्वांचल) ट्रस्ट द्वारा भिक्षु विहार में किया गया। इस अवसर पर उपस्थित धर्मसभा को 'आचार्य भिक्षु के जीवनकाल के अंतिम भाद्रपद की शिक्षाएँ' विषय पर संबोधित करते हुए मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा - आचार्य भिक्षु का जीवन निर्मलता, तेजस्विता, गहराई, ऊँचाई व प्रकाश का संगम था। वे सत्य के महान आराधक व विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने अपनी पैनी दूरदृष्टि से जिन ठोस मर्यादाओं की नींव पर तेरापंथ धर्मप्रासाद की आधारशिला रखी, उसी का पुण्य प्रसाद आज लाखों-लाखों लोगों को मिल रहा है।
मुनिश्री ने आगे कहा - आचार्य भिक्षु के जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव आए, लेकिन उन्होंने हर परिस्थिति में अपने आपको संतुलित रखा। उन्होंने 70 वर्ष की उम्र तक स्वयं का वजन उठाया। 77 वर्ष की उम्र तक गोचरी की। उन्होंने अपने पीछे भारमल जी स्वामी को उत्तराधिकारी बनाया। साधुओं के प्रति प्रमोद भावना प्रकट की। अपने शिष्यों को अंतिम शिक्षा देते हुए उन्होंने कहा - सभी साधु-साध्वियां एक आचार्य की आज्ञा में रहना, परस्पर प्रेम से रहना, शुद्ध आचारवान साधुओं की संगति करना, दीक्षा परीक्षा करने देना, दलबंदी मत करना। श्रद्धा, आचार, कल्प और अन्य की कोई बात समझ न आए तो उसे गुरु तथा बुद्धिमान साधुओं के विश्वास से मन लेना आदि अनेक उपयोगी शिक्षाएँ प्रदान कीं। इस अवसर पर मुनि परमानंद जी ने कहा - आचार्य भिक्षु साधना के सजग प्रहरी थे। उनकी साधना सिद्ध हो चुकी थी। इसीलिए आज 200 वर्ष बाद भी उनके नाम का जप लाखों-लाखों लोग करते हैं और अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त करते हैं। मुनि कुणाल कुमार जी ने 'तेरस आई रे' गीत का सुमधुर संगान किया। कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ महिला मंडल, पूर्वांचल द्वारा मंगलाचरण से हुआ। इस अवसर पर जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा (कोलकाता-पूर्वांचल) ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय सिंघी, तेरापंथ युवक परिषद, पूर्वांचल के अध्यक्ष राजीव बोथरा, तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्ष बबीता तातेड़, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम, पूर्वांचल के अध्यक्ष राकेश सिंघी ने अपने वक्तव्यों के माध्यम से आचार्य भिक्षु के प्रति भावांजलि अर्पित की।