चरित्र को परिपक्व बनाती है तपस्या

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शाहदरा-दिल्ली।

चरित्र को परिपक्व बनाती है तपस्या

बहुश्रुत मुनि उदित कुमार जी के सान्निध्य में विवेक विहार के ओसवाल भवन, दिल्ली में दो तपस्वियों – विमल सिंह बैद (75 दिन की तपस्या) एवं हनुमान सेठिया (38 दिन की तपस्या) – के तप अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। तेरापंथ महिला मंडल द्वारा मंगलाचरण के साथ प्रारंभ हुए इस कार्यक्रम में धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि उदित कुमार जी ने कहा – तपस्या वह अमूल्य साधना है, जो व्यक्ति के जीवन को संवारती है। उन्होंने कहा कि केवल साहस, संयम और दृढ़ निश्चय वाले व्यक्ति ही सच्ची तपस्या कर सकते हैं। मुनिश्री ने तपस्या का महत्व बताते हुए कहा कि यह व्यक्ति के चरित्र को परिपक्व बनाती है और मानसिक शक्ति को मजबूत करती है।समारोह में उन्होंने तपस्वियों के अनुमोदन में रचित दो गीतों का संगान किया। इस अवसर पर साध्वीप्रमुखा श्री विश्रुतविभा जी द्वारा प्रदत्त संदेश का वाचन संपत नाहटा एवं महावीर दुगड़ ने किया। गांधीनगर तेरापंथ सभा अध्यक्ष निर्मल छलानी, तेरापंथ सभा गाजियाबाद मंत्री रमेश बैंगानी, तेयुप दिल्ली अध्यक्ष पवन श्यामसुखा, तेयुप गांधीनगर उपाध्यक्ष अंकित श्यामसुखा, ओसवाल समाज अध्यक्ष आनंद बुच्चा, तेरापंथ सभा दिल्ली मंत्री प्रमोद घोड़ावत, अणुव्रत समिति ट्रस्ट अध्यक्ष बाबूलाल गोलछा, तेरापंथ सभा शाहदरा अध्यक्ष राजेंद्र सिंघी आदि परिवारजन और शुभचिंतकों ने तपस्वियों के प्रति अपनी आध्यात्मिक मंगलकामना व्यक्त की। कार्यक्रम का संचालन सभा मंत्री सुरेश भंसाली ने किया। तेरापंथ सभा शाहदरा-दिल्ली द्वारा तपस्वियों का सम्मान किया गया।