क्षितिज 2.0 सीपीएस ट्रेनर्स कॉनक्लेव का हुआ आयोजन

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अहमदाबाद।

क्षितिज 2.0 सीपीएस ट्रेनर्स कॉनक्लेव का हुआ आयोजन

अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के तत्वावधान में CPS एकेडमी के दो दिवसीय 'क्षितिज 2.0 ट्रेनर्स कॉनक्लेव' का आयोजन आचार्य श्री महाश्रमण जी के पावन सान्निध्य में हुआ। पूज्य आचार्य श्री महाश्रमण जी ने सभी प्रशिक्षकों को मंगल उद्बोधन देते हुए फरमाया कि वक्तृत्व कला को यदि शरीर मानें तो उसकी आत्मा है ज्ञान। यदि आत्मा स्वस्थ रहेगी तो शरीर स्वस्थ रहेगा। आचार्य प्रवर ने सभी प्रशिक्षकों को निरंतर अध्ययन और विनम्र रहने की प्रेरणा दी।
मुख्यमुनि श्री महावीरकुमार जी ने सभी प्रशिक्षकों को भौतिक ज्ञान ग्रहण करने के साथ आध्यात्मिक ज्ञान ग्रहण करने की प्रेरणा दी। साध्वीप्रमुखा श्री विश्रुतविभा जी ने प्रेरणा देते हुए कहा कि प्रशिक्षक तत्वज्ञान, 25 बोल, तेरापंथ दर्शन और सिद्धान्त सीखें। साध्वीवर्या श्री संबुद्धयशाजी ने कहा की सभी धर्म संघ के प्रति समर्पित रहकर लक्ष्य को प्राप्त करें। अभातेयुप आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनि योगेशकुमार जी ने कहा कि सीपीएस एकेडमी अब केवल एक आयाम नहीं है यह तेरापंथ धर्म संघ की प्रभावना और युवाओं को संघ से जोड़ने का सशक्त माध्यम है।
उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश डागा ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि सीपीएस केवल वक्तृत्व कला नहीं अपितु व्यक्तित्व को भी निखारती है और पिछले 2 वर्षों में CPS एकेडमी द्वारा उल्लेखनीय कार्य हुआ है। राष्ट्रीय महामंत्री अमित नाहटा ने सीपीएस टीम को बधाई देते हुए कहा कि सीपीएस ने इस कार्यकाल ने देशभर में धूम मचाई है और निरंतर कार्य कर रही है। राष्ट्रीय प्रभारी दिनेश मरोठी ने सीपीएस एकेडमी के बारे में जानकारी देते हुए कहा की अब सीपीएस में अनेक नई कार्यशालाओं का समावेश किया गया है। जिसमे लीडरशिप, मैनेजमेंट, रिलेशनशिप, संगठन आदि अनेक कार्यशालाएं होगी। राष्ट्रीय सहप्रभारी सोनू डागा ने पिछले 2 वर्ष में हुई कार्यशालाओं की जानकारी दी। मुख्य प्रशिक्षक अरविंद मांडोत ने सीपीएस एवं अन्य कार्यक्रमों के बारे में सभी प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया एवं कहा कि जब भी आपको अवसर मिले अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयत्न करे और अपने आपको अपडेट करते रहें।
कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी प्रशिक्षकों का सीपीएस एकेडमी की तरफ़ से स्वागत किया गया। इस कॉनक्लेव में विभिन्न सत्रों में राष्ट्रीय प्रशिक्षकों ने अनेक विषयों पर अपनी प्रस्तुति दी। पिछले 2 वर्ष में सेवा देने वाले सभी प्रशिक्षकों का स्मृति चिह्न से सम्मान किया गया। आचार्य प्रवर के सान्निध्य में इस वर्ष बनने वाले 13 नए प्रशिक्षकों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस कॉनक्लेव में आगामी एक वर्ष के लक्ष्य का निर्धारण के साथ ‘कैसे सोचें?’ पुस्तक पर अध्ययन की प्रेरणा दी गई। कॉनक्लेव के सफल आयोजन में अहमदाबाद से कुलदीप नौलखा, अमराईवाड़ी से आकाश शाह, मुकेश जैन, हितेश चपलोत, भरत जैन आदि कार्यकर्ताओं का विशेष सहयोग रहा।