सत्य और सुधार के निर्भीक पथप्रदर्शक थे आचार्य भिक्षु

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शाहदरा-दिल्ली।

सत्य और सुधार के निर्भीक पथप्रदर्शक थे आचार्य भिक्षु

ओसवाल भवन, विवेक विहार में तेरापंथ के आद्य प्रवर्तक आचार्य भिक्षु का 223वां निर्वाण दिवस बहुश्रुत मुनि उदित कुमार जी के सान्निध्य में आयोजित किया गया। मुनिश्री ने अपने प्रवचन में कहा—'आचार्य भिक्षु केवल एक साधु नहीं, बल्कि युगपुरुष और विचार-क्रांति के प्रणेता थे। उन्होंने शिथिलाचार का विरोध कर सत्य, अहिंसा और अनुशासन की एक नवीन धारा का प्रवाह किया। उनका निर्भीक, सत्यनिष्ठ और सुधारवादी जीवन प्रत्येक साधक एवं समाज के लिए दीपस्तंभ है। आज के समय में जब समाज को नैतिकता और शुद्ध आचरण की सर्वाधिक आवश्यकता है, तब आचार्य भिक्षु के विचार ही हमारे लिए पथप्रदर्शक बन सकते हैं।'
कार्यक्रम का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र के सामूहिक उच्चारण से हुआ। इस पावन अवसर पर जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा दिल्ली के उपाध्यक्ष रंजीत भंसाली, जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा-शाहदरा के अध्यक्ष राजेंद्र सिंघी, जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा-गांधीनगर के अध्यक्ष निर्मल छलाणी, जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा गाज़ियाबाद के मंत्री रमेश बैंगानी, जैन श्वेतांबर तेरापंथ महिला मंडल पूर्वी दिल्ली की अध्यक्ष मंगला कुंडलिया, तेरापंथ युवक परिषद दिल्ली के अध्यक्ष पवन श्यामसुखा, तेरापंथ युवक परिषद गांधीनगर के अध्यक्ष क्रांति बरडिया, विजया मालू तथा अन्य वक्ताओं ने आचार्य भिक्षु को श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम का समापन संघगान के साथ हुआ। कार्यक्रम का संचालन सभा मंत्री सुरेश भंसाली ने किया। रात्रि में विशेष ‘भिक्षु स्वरांजलि’ का आयोजन हुआ, जिसका संयोजकीय दायित्व जयसिंह दुगड़ ने संभाला। जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा दिल्ली के अध्यक्ष सुखराज सेठिया एवं मंत्री प्रमोद घोड़ावत ने अपने प्रासंगिक विचार रखे। इस कार्यक्रम में दिल्ली के सुप्रसिद्ध गायक कलाकारों और श्रद्धालुओं ने गीत, भजन और कविताओं के माध्यम से आचार्य भिक्षु के प्रति अपनी भावनाएँ अभिव्यक्त कीं। कार्यक्रम का संचालन दीपिका नाहटा ने किया।