उपसर्गहर स्तोत्र नवाह्निक आध्यात्मिक अनुष्ठान

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उपसर्गहर स्तोत्र नवाह्निक आध्यात्मिक अनुष्ठान

तेरापंथ भवन में विराजित साध्वी सम्यकप्रभा जी के सान्निध्य में उपसर्गहर स्तोत्र नवाह्निक आध्यात्मिक अनुष्ठान का आयोजन नवरात्रि के पावन पर्व पर किया गया। नौ दिनों तक जप अनुष्ठान प्रातः प्रवचन में और रात्रिकालीन अर्हत वंदना के पश्चात दोनों समय सुंदर जप कर्म के रूप में सम्पन्न हुआ। साध्वी सम्यकप्रभा जी ने कहा कि इस समय किया गया मंत्र-जप शीघ्र फलदायी होता है। उपसर्गहर स्तोत्र में भगवान पार्श्वनाथ की स्तुति की गई है। इन मंत्रों का जप विघ्न-विनाशक एवं सिद्धि-दायक है। इस समय ग्रह-नक्षत्र की किरणें अनुकूल रहती हैं। इस साधना काल में एकासन, आयंबिल, नीवी एवं दस प्रत्याख्यान तप का पालन किया गया। अनुष्ठान में श्रावक-श्राविकाओं ने मंत्रों पर ध्यान साधना की। संस्थाओं के पदाधिकारियों उपस्थिति सराहनीय रही।