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मंगल भावना समारोह
मंगल भावना समारोह को संबोधित करते हुए 'शासनश्री' साध्वी सुव्रतांजी ने अपनी भावाभिव्यक्ति में कहा— 'मैं आचार्यप्रवर के निर्देशानुसार पीतमपुरा में चातुर्मास करने आई। मैंने अनुभव किया कि भिक्षु चेतना वर्ष का यह चातुर्मास अनेकानेक उपलब्धियों से परिपूर्ण रहा। लगभग आठ कॉलोनियों के लोग प्रतिदिन प्रवचन का लाभ लेते रहे। ‘ॐ भिक्षु’ के सवा लाख जाप में 550 व्यक्तियों ने नाम दर्ज करवाए। 11 बार उपवास की बारी चली — तपस्या की झड़ी सी लग गई। रात्रि में पच्चीस बोल का अर्थ समझने के लिए बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति रहती थी। अनेक संघ प्रभावक आयोजन भी संपन्न हुए। दो माह के इस प्रवास को सफल बनाने के लिए सभी का उत्कृष्ट प्रयास रहा। जो कुछ भी प्राप्त हुआ है, उसे सुरक्षित रखना आवश्यक है।' 'शासनश्री' साध्वी सुमनप्रभा जी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में महासभा के उपाध्यक्ष संजय खटेड़, मानसरोवर गार्डन सभा के अध्यक्ष नरेंद्र पारख, शालीमार बाग सभा की अध्यक्षा सज्जनबाई गिड़िया, तेरापंथ सभा पीतमपुरा के अध्यक्ष लक्ष्मीपत भुतोड़िया, प्रवीण जैन, राकेश, ललित, तथा महिला मंडल की बहनों ने अपने भाव रखे। संचालन सभा मंत्री बीरेन्द्र जैन ने किया।