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जय सिद्ध शक्ति अनुष्ठान का आयोजन
शक्ति जागरण के महापर्व नवरात्रि के अवसर पर तेरापंथ महिला मंडल, किलपॉक द्वारा जय सिद्ध शक्ति अनुष्ठान का आयोजन मुनि मोहजीत कुमार जी के सान्निध्य में हुआ। अनुष्ठानकर्ताओं ने मुनि जयेश कुमार जी के साथ अनेक सिद्ध शक्ति जागरण मंत्रों का सामूहिक उच्चारण किया। भिक्षु निलयम में अनुष्ठानकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुनि मोहजीत कुमार जी ने कहा कि जप शक्ति जागरण, विघ्न शमन और मनोबल के विकास का साधन है। जप शरीर, मन और विचार तंत्र को प्रभावित करता है। अनुष्ठान का प्रयोजन आत्मशक्ति का जागरण है। मुनिश्री ने कहा – मंत्र विविध शक्तियों का खजाना है। मनोयोगपूर्वक जप करने से सारी शक्तियाँ जपकर्ता में धीरे-धीरे प्रकट होने लगती हैं। मुनि जयेश कुमार जी ने कहा कि भक्ति रस से भरी किसी भी पंक्ति को मंत्र बनाया जा सकता है। उस मंत्र को भावों से भावित कर दिया जाए तो उसकी शक्ति अपरिमित हो जाती है।
मंत्र में शब्द, भावना और प्रकंपन — इन तीनों का योग होता है। किताबों और ग्रंथों में हजारों मंत्र लिखे हैं, किंतु उन्हें मात्र पढ़कर आप अपना अभीष्ट सिद्ध नहीं कर सकते। विधिपूर्वक, अनुष्ठानपूर्वक, लयबद्ध उच्चारण के साथ उसमें भावना का पुट देना पड़ता है, तब कहीं जाकर उस मंत्र में प्राणशक्ति का संचार होता है। प्रकंपन जितना शक्तिशाली होगा, मंत्र उतना ही प्राणवान और कार्यकारी बनेगा। भावना उसे और अधिक प्रभावशाली बना देती है। इससे पूर्व मुनि भव्य कुमार जी ने नवाह्निक आध्यात्मिक अनुष्ठान का प्रयोग करवाया। कार्यक्रम की समायोजना में मंडल अध्यक्षा अनीता सुराणा, उनकी टीम तथा दिशा सकलेचा का सराहनीय योगदान रहा।