रचनाएं
भारत ज्योति महाप्राण अभिनंदन तुम्हारा
भारत ज्योति महाप्राण अभिनंदन तुम्हारा।
अखिल विश्व को विश्व गुरु का मिलता सदा इशारा ।।
1. मां वदना के आंगन में, उतरे चांद-सितारे ।
दूज के अभिनव चंदा की, आरती उतारें।
चौसठ इन्द्र धरा पर आए, लेकर दिव्य नजारा।।
2. सत्यशोध का विश्वभारती नव आलोक बांटती।
यूनिवर्सिटी अभियान प्यारा अनेकान्त की आरती ।
समण मुमुक्षु देश-विदेशों, बांटे नया उजारा।।
3. जग में नैतिक मूल्यों का संवर्धन अणुव्रत करे।
मानव में इंसाफ की नयी रोशनी सदा भरे।
सदियों-सदियों अमर रहेगा, तुलसी नाम तुम्हारा।।
4. सपनों में नित आते हो बन विश्वास सहारे।
नयनों में वचनों में भरते नव उल्लास हमारे।
भाग्य विधाता शक्ति जगाओ, बदलो युग की धारा।।
तर्ज : जन्म-जन्म का