आडंबर मुक्त तपस्या ही तपस्या है

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गंगाशहर।

आडंबर मुक्त तपस्या ही तपस्या है

आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ति उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमलकुमार जी के सान्निध्य में तप अभिनंदन समारोह का आयोजन रखा गया। इस अवसर पर मुनि कमलकुमार जी ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि विनय-सारिका चौपड़ा का जीवन साधनामय है। दोनों का नियमित प्रवचन सामायिक का क्रम देखकर मन प्रसन्न होता है। मासखमण करना कठिन है परंतु नियमित सामायिक प्रवचन में होना बड़ी बात है। विनय सरल सहिष्णु और विनम्र है इसी प्रकार सारिका भी इन गुणों से सम्पन्न होने के कारण ही अपनी माता की सेवा के साथ बच्चों में अच्छे संस्कार देखने मिलते हैं।
विनय का मासखमण सबके लिए प्रेरणा है, आडम्बर मुक्त, साधना युक्त तपस्या ही वास्तव में तपस्या होती है। संयोग से प्रियंका रांका ने भी तपस्या प्रारंभ कर रखी है आज तीनों के 27 की तपस्या है। इस अवसर पर साध्वीप्रमुखा जी के संदेश का वाचन जैन लूणकरण छाजेड़ ने किया। परिवार की बहन बेटियों ने सामूहिक गीतिका संगान किया। महेन्द्र सोनावत ने परिवार की तरफ से कृतज्ञता ज्ञापित की। विनय चौपड़ा ने कृतज्ञता ज्ञापित की। मुनिश्री ने स्वरचित गीतिका का संगान किया। तेरापंथी सभा, महिला मंडल, युवक परिषद के सदस्यों ने तपस्वियों का स्वागत पताका व साहित्य से किया। इस अवसर पर तीनों तपस्वियों ने 27 के प्रत्याख्यान किये।