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दीक्षार्थी अभिनंदन समारोह का आयोजन
साध्वी पुण्ययशा जी के सान्निध्य में मुमुक्षु हनुमानमल दूगड़ (सरदारशहर, इरोड) का मंगल भावना समारोह राजराजेश्वरी नगर के तेरापंथ भवन में आयोजित हुआ। साध्वी पुण्ययशा जी ने एक रूपक के माध्यम से समझाया कि मोह से ग्रसित व्यक्ति संसार को पार नहीं कर सकता। संसार में तीन दृष्टियाँ हैं – जड़ दृष्टि, निमित्त दृष्टि और आत्म दृष्टि। केवल आत्मदृष्टि अपनाने वाला व्यक्ति विकास के पायदान पर अग्रसर होता है। हनुमानमल जी ने भी उपासक श्रेणी से साधना स्वीकार कर चारित्र की दिशा में कदम बढ़ाया है और गृहस्थ जीवन में त्याग एवं वैराग्य की भावना को अपनाया है।
साध्वी श्री ने आगे कहा कि प्रत्येक श्रावक-श्राविका को प्रतिदिन तीन मनोरथ की भावना अपनानी चाहिए। दीक्षार्थी हनुमानमल जी ने अपने अनुभव साझा किए कि उपासक श्रेणी से जुड़ने के बाद उनके आध्यात्मिक विकास और संयम की भावना में वृद्धि हुई। सूरत चातुर्मास में उन्होंने गुरुदेव के समक्ष दीक्षा की इच्छा प्रकट की, और कसौटी पर खरे उतरने के बाद परमपूज्य गुरुदेव ने दीक्षा की स्वीकृति प्रदान की। साध्वी वर्धमानयशा जी ने गीत के माध्यम से अपनी भावना व्यक्त की। सभा में सभाध्यक्ष राकेश छाजेड़, सरदारशहर परिषद अध्यक्ष रणजीत बोथरा, वीणा भूतोड़िया, विमल सामसुखा सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। कंचन छाजेड़ ने दीक्षार्थी के आध्यात्मिक जीवन की जानकारी दी, जबकि जम्मड़ परिवार ने गीतिका प्रस्तुत कर अपनी अभिव्यक्ति दी। तेयुप अध्यक्ष विक्रम महेर, मंत्री संदीप बैद, महिला मंडल और समस्त संस्था के पदाधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने समारोह में भाग लिया। सभा मंत्री गुलाब बाँठिया ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया।